पहले बचाव का पूरा मौका और अब कोर्ट का स्टे कैसे बनेगी गोंडा शहर में फरेंदा जरवल रोड
जाड़ा बीता गर्मी बीती अब आने को है बरसात लेकिन साहब नहीं करा पाए पोल शिफ्टिंग
गोंडा ( राजीव /एच पी श्रीवास्तव ) – पहले गोंडा के लोग मेमू भूले अब शायद शहर के अन्दर फोरलेन बनने का सपना भी अधूरा ही रह जाएगा जिस तरह से राज मार्ग और नेशनल हाइवे के बीच झूल रहे रोड के शहर में सिकुड़ जाने कि पूरी सम्भावना जताई जा रही है |
गोंडा में फरेंदा जरवल राजमार्ग बनना लोगों के लिए सपने से कम नहीं है गोंडा के आसपास के जिले जहाँ तरक्की करते चले गए वहीँ राजनीतिक इच्छा शक्ति कि कमी और उदाशीन प्रशासन के चलते पोल शिफ्टिंग का काम तक नहीं निबट पाया | पूरी ठंढ बीत गई गर्मी आ गई और अब बरसात आने को है लेकिन गोंडा के अधिकारी हैं कि पोल शिफ्टिंग का काम ही नहीं करा पा रहे हैं | बड़े जोर-शोर से प्रशासन ने कई बार चेतावनियों का दौर दिखाया और लोगों को उम्मीद बनी कि अब शहर में विकास का काम होगा लेकिन प्रशासन अतिक्रमण हटवा पाने में नाकाम रहा और लचर पैरवी के चलते अतिक्रमण करने वालों को पूरा मौका मिला कि वह कोर्ट से स्टे ले सके और अब सुस्त और लाचार लोक निर्माण विभाग अतिक्रमण के बारे में कोर्ट से स्टे होने कि बात कह रहा है |
स्टे खारिज कराने के लिए विभाग ने क्या किया
आपकी खबर ने जब अधिशाषी अभियंता निर्माण खंड -2 दिनेश कुमार कुरील से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बड़े ही बेफिक्री से कोर्ट से स्टे होने पर अतिक्रमण न हटाये जाने कि बात कही लेकिन जैसे ही उनसे पूछा गया कि विभाग द्वारा इस स्टे को हटवाने के लिए क्या प्रयास किये गए हैं उन्होंने व्यस्त होने और अभी जल्दी ही चार्ज लिए जाने का हवाला दिया | बातचीत में यह साफ़ हो गया कि स्टे को ख़ारिज कराने के लिए विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया है |
अब गोंडा कि जनता कह रही है कि क़ानूनी पचड़े में फंसे फोरलेन का सपना पूरा होगा या फिर से यह भी भूले बिसरे गीत कि तरह केवल यादों के पन्ने में सिमटा रहेगा |
इससे पहले भी प्रशासन कि जांच में 87 दुकाने अतिक्रमण कि चपेट में पाई गई थी प्रशासन कुछ कार्यवाई करता इससे पहले ही अतिक्रमण कि चपेट में आये होटल द्वारा कोर्ट कि शरण ले ली गयी और प्रशासन की कोर्ट में लचर पैरवी के कारण उसे स्टे मिल गया |