किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली रोकने के लिए संसद भवन और राजघाट के आसपास भी जगहों पर सुरक्षाबल बड़ाई धारा 144 हुई लागू
डेस्क-भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आज किसान क्रांति यात्रा दिल्ली पहुंच रही है. किसानों की ये यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरु हुई थी. दिल्ली के पास यूपी बार्डर पर हजारों किसान जुटे हुए हैं. किसानों ने दिल्ली कूच का एलान किया है. यूपी की सीमा से लगे पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है |लखनऊ से यूपी के दो सीनियर आईएएस हेलिकॉप्टर से गाजियाबाद भेजे गए हैं |
किसानों को किसी भी तरीके से दिल्ली के अंदर दाखिल नहीं होने दिया जाए. प्रशासन ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. संसद भवन और राजघाट के आसपास भी सुरक्षा व्यस्था बेहद चाकचौबंद कर दी गई है. दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से संभलकर यात्रा करने की अपील की है |
दिल्ली सीमा से दृश्य जहां किसान क्रांति पद्यत्र के दौरान किसानों को रोक दिया गया है। भारतीय किसान संघ के बैनर के तहत किसानों द्वारा 'किसान क्रांति पद्यत्र' का आयोजन किया गया है।
Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during 'Kisan Kranti Padyatra'. Police use water cannons to disperse protesters pic.twitter.com/4RDQ1kPcx9
— ANI (@ANI) October 2, 2018
नरेश टिकता, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ ने कहा हमें यहां क्यों रोक दिया गया है (यूपी-दिल्ली सीमा पर)? रैली एक अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही थी। अगर हम अपनी सरकार को हमारी समस्याओं के बारे में नहीं बताते हैं तो हम किससे कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश जाते हैं
Why have we been stopped here (at UP-Delhi border)? The rally was proceeding in a disciplined manner. If we don't tell our government about our problems then whom do we tell? Do we go to Pakistan or Bangladesh?: Naresh Tikait, President, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/J15xmWpZ9G
— ANI (@ANI) October 2, 2018
ये है किसानो की मांगे
- स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो
- किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन मिले
- देश में किसानों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए
- 14 दिन में गन्ने का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस कराया जाए
- कामर्शियल इस्तेमाल में आने वाली चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपये किलो तय किया जाए