भारतीय किसान यूनियन की मंडल समीक्षा बैठक में राकेश टिकैत पर सरकार ने साधा निशाना
बाराबंकी-भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसी भी हालात में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारें किसानों की जमीनें जबर्दस्ती नहीं ले सकतीं। देश के किसानों को एकजुट होकर प्रदेश और केंद्र सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।
शनिवार को बाराबंकी की नगर पालिका परिषद में भारतीय किसान यूनियन की मंडल समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत समेत भाकियू के तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में बोलते हुए चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि पूरे देश में किसानों की फसल एक है, तो बिजली और खादों के दाम अलग-अलग क्यों है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 14 दिनों में गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। टिकैत ने कहा है|
कि सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान कर्जे में पूरी तरह से डूबा है। जब तक देश में राष्ट्रीय कृषि नीति नहीं बनाई जाती। तब तक किसानों का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान आयोग के गठन के साथ ही स्वामी नाथन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है। टिकैत ने कहा कि सरकार को अगर किसान की जमीन लेनी है तो उसकी सहमति से लेनी पड़ेगी। सरकार भूमि अधिग्रहण एक्ट के तहत किसानों को उचित मुआवजा दे। लेकिन सरकार की नीयत में खोट है वह किसानों को मुआवजा नहीं देना चाहती। टिकैत ने कहा कि कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया। सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है।