कौन हैं सदानंद दाते, 26/11 आतंकी हमले के रियल हीरो, अब बने नए NIA चीफ

Kaun hai sadanand date

Who is IPS Sadanand Vasant Date

भारत की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को हाल ही में एक नया चीफ डायरेक्टर जनरल मिला है. महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS महाराष्ट्र) के प्रमुख आईपीएस सदानंद वसंत दांते को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का नया चीफ डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है. वह अब देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी की कमान संभालेंगे. आईपीएस सदानंद वसंत दांते की बहादुरी के कई किस्से हैं. उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों से लोहा लिया था. इसके अलावा उनकी जिंदगी से जुड़ा एक अनूठा किस्सा भी है, जो उनके परिश्रम को दर्शाता है.  

26/11 हमले में बचाई सैकड़ों जिंदगियां

भारत के इतिहास में 26/11 की तारीख कोई नहीं भूल सकता. यही वह दिन था जब मुंबई के ताज होटल में आतंकी हमले के दौरान सैंकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस हमले ने देश को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया था. इस दौरान आईपीएस सदानंद वसंत दांते की पोस्टिंग महाराष्ट्र पुलिस कैडर का हिस्सा थे. वह अपनी जान की परवाह किये बिना आतंकियों से लोहा लेने को तैयार हो गए.हालाँकि, इस दौरान वह चोटिल भी हुए लेकिन उन्होंने सैंकड़ों लोगों को एक नई जिंदगी दी. उनकी बहादुरी के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था.

कौन हैं IPS सदानंद वसंत दांते 

आपको बता दें कि IPS सदानंद वसंत दांते महाराष्ट्र के पुणे जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने पुणे से ही अपनी पढाई पूरी की है. वह पुणे विश्वविद्यालय से डाक्टरेट की डिग्री हासिल कर चुके हैं. उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर पुसिल सेवा ज्वाइन की थी. साल 1991 बैच के IPS अधिकारी सदानंद वसंत दांते महाराष्ट्र के मीरा भायंदर वासई वीरार के पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं.IPS सदानंद वसंत दांते का पुसिल करियर काफी लम्बा और बहादुरी से भरा है. वह CRPF में आईजी की भी भूमिका निभा चुके हैं. 

अखबार बांटकर की पढ़ाई

आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि सदानंद वसंत दांते का आईपीएस बनने का सपना कठिनाइयों से भरा हुआ था. बचपन में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. उस दौरान वह 8वीं क्लास में थे. पिता के जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब थी. गरीबी और मुश्किलों हालात में उनकी मां ने उन्हें पढ़ाया. पैसों की कमी ने उन्हें लोगों के घरों में अखबार डालने के लिए मजबूर कर दिया. वह स्कूल जाने से पहले लोगों के घरों में अख़बार पहुंचाया करते थे. इसी दौरान उनके मन में पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा जगी. पुणे विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिलिव सेवा परीक्षा की तैयारी की और उसमें सफल होकर वह आईपीएस बने.

क्या है  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ?

मालूम हो कि NIA, जिसे National Investigation Agency कहा जाता है, उसका गठन 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक 2008 के अंतर्गत किया गया था. NIA के पास कई विशेष अधिकार हैं. इसमें, आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर ठोस कार्यवाही करके उनकी सम्पति तक सीज करना और उस व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी घोषित करना शामिल है. NIA एक केंद्रीय संस्था है.इसमें राज्य सरकार द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता. NIA का मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में है.

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