आईएमएफ द्वारा आर्थिक रूप से गुलाम है, तो देश को कैसे आजादी मिली
जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान के राजनीतिक संकट, विदेशी भंडार में कमी, आईएमएफ के ऋण वितरण में देरी और रुपये के अवमूल्यन का उसकी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
पेशावर में बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए शरीफ ने कहा, हमने आजादी के बाद से पिछले 75 सालों में क्या किया है, जब हम आईएमएफ द्वारा आर्थिक रूप से गुलाम हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार ऐसे फैसले लेगी जो देश को हर संकट से बाहर निकालेंगे, क्योंकि यह कई मोचरें पर कठिन कार्यों का सामना कर रहा है।
अप्रैल में सत्ता संभालने के बाद ईंधन और बिजली सब्सिडी को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया और कर आधार को व्यापक बनाने के लिए नए उपाय पेश किए।
नई सरकार ने वैश्विक वित्तीय संस्थानों की मांगों को पूरा करने के लिए सब्सिडी में कटौती की है, लेकिन पहले से ही दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति के भार के तहत संघर्ष कर रहे मतदाताओं के क्रोध का जोखिम उठाया है।
स्टाफ-स्तरीय समझौते और कड़े फैसलों के बाद, पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के रेजिडेंट प्रतिनिधि, एस्तेर पेरेज रुइज ने इस सप्ताह की शुरूआत में कहा था कि देश ने अंतिम पूर्व शर्त पूरी कर ली है।
--आईएएनएस
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