ईडी ने यस बैंक-डीएचएफएल मामले में चार्जशीट दाखिल की

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक विशेष पीएमएलए के समक्ष यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले के संबंध में 90 पृष्ठों से अधिक की चार्जशीट दायर की।
ईडी ने यस बैंक-डीएचएफएल मामले में चार्जशीट दाखिल की
ईडी ने यस बैंक-डीएचएफएल मामले में चार्जशीट दाखिल की नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक विशेष पीएमएलए के समक्ष यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले के संबंध में 90 पृष्ठों से अधिक की चार्जशीट दायर की।

ईडी ने सीबीआई द्वारा भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यस बैंक के पूर्व सीईओ और एमडी राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ जांच शुरू की थी।

यह आरोप लगाया गया है कि राणा कपूर ने कपिल वधावन और अन्य के साथ आपराधिक साजिश रची थी, जिसमें यस बैंक द्वारा डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को उनके द्वारा आयोजित कंपनियों के माध्यम से पर्याप्त अनुचित लाभ दिया गया था।

कपूर ने यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के मसाला बॉन्ड में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया।

डीएचएफएल में यस बैंक द्वारा किए गए इस निवेश के साथ, कपिल वधावन ने डीएचएफएल के माध्यम से राणा कपूर की लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में से एक, डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण की आड़ में 600 करोड़ रुपये का किकबैक दिया।

जांच में आगे पता चला है कि यस बैंक द्वारा डीएचएफएल को 3,983 करोड़ रुपये के कथित हस्तांतरण के तुरंत बाद, संजय छाबड़िया के त्रिज्या समूह को ऋण स्वीकृत किए गए थे और डीएचएफएल से ऋण के रूप में 2,317 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी। ईडी ने कहा कि सांताक्रूज, मुंबई में अपनी परियोजना एवेन्यू 54 के विकास के नाम पर संजय छाबड़िया ने इसे घोषित उद्देश्य के लिए उपयोग किए बिना ही बदल दिया।

एजेंसी को यह भी पता चला कि छाबड़िया ने अविनाश भोसले के साथ और भी सांठगांठ की और धन को उनकी विभिन्न लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में बदल दिया।

इसके अलावा, भोसले ने वधावन के साथ मिलकर डीएचएफएल और अन्य संस्थाओं को कुछ सेवाएं प्रदान करने की आड़ में डीएचएफएल से 71.82 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।

ईडी ने कहा, हालांकि, उक्त तथाकथित सेवाएं कभी प्रदान नहीं की गईं और इसका उपयोग भोसले ने अपने लाभकारी उपयोग के लिए किया।

--आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

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