कलकत्ता हाईकोर्ट ने गंगासागर मेले पर अपने आदेश को किया संशोधित
अदालत ने इसके बजाय अब दो सदस्यीय समिति पुनर्गठित की है, जिसमें पूर्व न्यायमूर्ति सम्पति चटर्जी और पश्चिम बंगाल कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव शामिल हैं।
शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना तृणमूल कांग्रेस ने समिति में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इससे सही निर्णय लेने में समस्या हो सकती है। हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस अपनी नैतिक जीत मान रही है।
इससे पहले अदालत ने अपने आदेश में राज्य सरकार को फैसला सुनाए जाने के 24 घंटे के भीतर सागर द्वीप को अधिसूचित क्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना जारी करने को कहा था।
आदेश में पश्चिम बंगाल राज्य के गृह सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि मेला अवधि के दौरान गंगासागर द्वीप में राज्य द्वारा जारी प्रतिबंधों को बिना किसी चूक के विधिवत लागू किया जाए।
गृह सचिव को राज्य में व्यापक प्रसार वाले दैनिक समाचारपत्रों में और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी विज्ञापन जारी करने के लिए कहा गया है, जिससे जनता को 8 से 16 जनवरी, 2022 के बीच गंगासागर द्वीप पर बड़ी संख्या में जाने के जोखिम के बारे में जागरूक किया जाए।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मेला में आने वाले सभी लोगों का दोहरा टीका लगाया जाए और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से 72 घंटे पहले हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट पेश की जाए। अदालत ने शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए भीड़ के सख्त नियमन के लिए भी कहा है। द्वीप को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किए जाने से राज्य सरकार को तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा के लिए उपाय करने का अधिकार मिलेगा।
--आईएएनएस
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