केरल : सोना तस्करी मामले में चौथे आरोपी को मिली जमानत

तिरुवनंतपुरम, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के सोने की तस्करी मामले का चौथा आरोपी संदीप नायर शनिवार को जमानत मिलने पर केंद्रीय जेल से बाहर आ गया। केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उसके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम (सीओएफईपीओएसए) अधिनियम के तहत दर्ज आरोपों को हटा दिया।
केरल : सोना तस्करी मामले में चौथे आरोपी को मिली जमानत
केरल : सोना तस्करी मामले में चौथे आरोपी को मिली जमानत तिरुवनंतपुरम, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के सोने की तस्करी मामले का चौथा आरोपी संदीप नायर शनिवार को जमानत मिलने पर केंद्रीय जेल से बाहर आ गया। केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उसके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम (सीओएफईपीओएसए) अधिनियम के तहत दर्ज आरोपों को हटा दिया।

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के खिलाफ सीओएफईपीओएसए अधिनियम के तहत दर्ज आरोप भी हटा दिए गए, लेकिन वह अभी भी जेल में है, क्योंकि वह अभी भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों का सामना कर रही है।

पिछले साल, एनआईए द्वारा दर्ज मामले के चौथे आरोपी संदीप नायर ने कोच्चि की एक विशेष अदालत में एक याचिका दायर की थी, वह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 (स्वीकारोक्ति और बयानों की रिकॉर्डिग) के प्रावधान के तहत स्वेच्छा से पूरे तथ्यों को सामने रखने के लिए तैयार है और अदालत की अनुमति से सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार है।

तस्करी का मामला 5 जुलाई, 2020 को सामने आया था, जब सीमा शुल्क ने यहां यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी सरित को वाणिज्य दूतावास के लिए नियत राजनयिक सामान में सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया।

स्वप्ना सुरेश (जो पहले संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास में काम करती थी) और उसके सहयोगी संदीप नायर को कुछ दिनों बाद इस मामले में एनआईए ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। तब से तीनों न्यायिक हिरासत में हैं।

जमानत पर बाहर आने के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए नायर ने कहा कि सरित कई सालों तक उसका अच्छा दोस्त था और उसके माध्यम से ही वह स्वप्ना सुरेश को जानता था।

नायर ने कहा, मैं कोई बड़ा व्यवसायी नहीं हूं, क्योंकि मैंने कई बैंकों से ऋण से लेकर खुद का व्यवसाय शुरू किया था। मैं अदालत को मामले के तथ्यों को बताकर सरकारी गवाह बन गया और मैंने जो कहा है, उस पर मैं कायम हूं। कृपया थोड़ा इंतजार करें, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

जब पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए यात्रा पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे, स्वप्ना सुरेश और नायर दोनों यहां से बेंगलुरु जाने में कामयाब रहे थे, जहां से उन्हें कुछ दिनों बाद एनआईए की एक टीम ने गिरफ्तार किया था।

--आईएएनएस

एचके/एसजीके

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