चीन ने निकट सहयोगी के पक्ष में पाकिस्तान के आतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई रोकी

न्यूयॉर्क, 22 सितंबर (आईएएनएस)। चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता और 26/11 के मुंबई हमलों के आरोपी साजिद मीर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में कार्रवाई को फिर से रोक दिया है, जिसकी भारत ने कड़ी आलोचना की है।
चीन ने निकट सहयोगी के पक्ष में पाकिस्तान के आतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई रोकी
चीन ने निकट सहयोगी के पक्ष में पाकिस्तान के आतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई रोकी न्यूयॉर्क, 22 सितंबर (आईएएनएस)। चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता और 26/11 के मुंबई हमलों के आरोपी साजिद मीर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में कार्रवाई को फिर से रोक दिया है, जिसकी भारत ने कड़ी आलोचना की है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति में मीर की संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को चीन द्वारा रोके जाने का मुद्दा उठाया गया। चीन ने यह कदम उज्बेकिस्तान में हाल ही में संपन्न 22वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के तुरंत बाद उठाया है।

सूत्रों ने कहा कि चीन ने फिर से पाकिस्तान पर एक बड़ा उपकार किया, क्योंकि साजिद मीर मामले पर दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा की गई थी, जो आगामी 17 सितंबर को होने वाली यूएनजीए मंजूरी समिति की बैठक में आने वाले प्रस्ताव से अच्छी तरह वाकिफ थे।

इस साल मई में गिरफ्तारी के बाद मीर को जून में 420,000 रुपये के जुर्माने के साथ-साथ साढ़े 15 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद वह इस समय लाहौर की कोट लखपत जेल में सजा काट रहा है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि वह कहीं और सुरक्षित हिरासत में है।

मीर मामले में चीन का वीटो तीसरी बार था, जब उसने हाल के दिनों में इस तरह की कार्रवाई की है।

जून में प्रतिबंध समिति की बैठक में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के अब्दुल रहमान मिक्की पर प्रतिबंध लगाने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को चीन ने तकनीकी आधार पर मंजूरी नहीं दी थी। उन पर धन प्राप्त करने और आतंकवादियों की मदद करने का आरोप लगाया गया था।

फिर अगस्त में जैश-ए-मोहम्मद के अब्दुल रऊफ असगर पर 1999 में एक अमेरिकी विमान के अपहरण, 2001 में भारतीय संसद पर हमले की साजिश रचने और पठानकोट एयरबेस हमले में शामिल होने के लिए अमेरिका द्वारा सह-प्रायोजित एक प्रस्ताव को 2015 में फिर से अवरुद्ध कर दिया गया था।

राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि साजिद मीर की गिरफ्तारी एफएटीएफ से संबंधित थी और पाकिस्तान के लिए अपनी ग्रे लिस्ट से बाहर होना जरूरी था।

जयशंकर ने इस कदम की कड़ी निंदा की और कहा कि राजनीति आतंकवादियों को मंजूरी देने के रास्ते में आ रही है, जिससे उन्हें दंड से मुक्ति मिल सके।

चीन द्वारा तीनों के खिलाफ प्रतिबंधों को रोकने के संदर्भ में उन्होंने कहा, अफसोस की बात है कि हमने इसे हाल ही में इसी चैंबर में देखा है, जब दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की बात आई थी।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Share this story