जलवायु परिवर्तन से निपटने में प्रतिबद्धता दिखा रहा है चीन
ध्यान रहे कि चीनी राष्ट्रपति विभिन्न मंचों से जलवायु परिवर्तन के निपटारे के लिए आह्वान करते रहे हैं। इसके साथ ही योजनाएं तैयार करते समय भी चीन को अपनी जि़म्मेदारी का पूरा अहसास रहता है।
गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व को सूखा, बाढ़ व हिमस्खलन आदि प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों कई देशों ने भारी बाढ़ का भी सामना किया, जिसमें जान-माल का काफी नुकसान हुआ। जबकि तूफान व मौसम संबंधी चुनौतियां भी बार-बार हमें चुनौती देती रहती हैं।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले बीस वर्षों में पृथ्वी के तापमान में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। जिसका असर विभिन्न आपदाओं के रूप में दिख सकता है।
इन चुनौतियों और मुसीबतों के मद्देनजर चीन ने साल 2030 से पहले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर को चरम पर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही चीन ने 2060 से पहले कार्बन तटस्थता का लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया है।
बता दें कि चीन में इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें पारिस्थितिकी विकास के अलावा कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में कमी लाना प्रमुख है। इसके साथ ही चीन में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन करने वाली विभिन्न फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्ती दिखायी गयी है। वहीं उन्हें नवीन ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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