झूठ के साम्राज्य के रूप में अमेरिका ने खोया दुनिया का भरोसा

बीजिंग, 6 मई (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें कुछ चीनी अधिकारियों और मीडिया को यूक्रेन मुद्दे पर रूस की झूठी जानकारी को बढ़ावा देने और यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई को तर्कसंगत बनाने की निंदा की गई। यदि आप इस तथाकथित बयान को करीब से देखें, तो यह झूठ से भरा है, जो कि अपने आप में विशिष्ट झूठी जानकारी है।
झूठ के साम्राज्य के रूप में अमेरिका ने खोया दुनिया का भरोसा
झूठ के साम्राज्य के रूप में अमेरिका ने खोया दुनिया का भरोसा बीजिंग, 6 मई (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें कुछ चीनी अधिकारियों और मीडिया को यूक्रेन मुद्दे पर रूस की झूठी जानकारी को बढ़ावा देने और यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई को तर्कसंगत बनाने की निंदा की गई। यदि आप इस तथाकथित बयान को करीब से देखें, तो यह झूठ से भरा है, जो कि अपने आप में विशिष्ट झूठी जानकारी है।

इस तथाकथित बयान में अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए आरोप वास्तव में चीन द्वारा रिपोर्ट की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट या तर्कसंगत विश्लेषण है। उदाहरण के लिए, यूक्रेन में जैव रासायनिक प्रयोगशाला रखने वाले अमेरिका के बारे में रूस की गलत जानकारी को बढ़ाने के लिए बयान ने चीन पर हमला किया। सच तो यह है कि खुद अमेरिका ने भी लंबे समय से पहले इस बात को माना था।

नवंबर 2021 में अमेरिका द्वारा जैविक हथियार प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षरकर्ताओं के सम्मेलन में प्रस्तुत कार्य दस्तावेज में स्वीकार किया कि यूक्रेन में अमेरिका की 26 जैविक प्रयोगशालाएं और अन्य सहकारी सुविधाएं मौजूद हैं। वहीं, मार्च 2022 में, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दस्तावेज से पता चलता है कि यूक्रेन में अमेरिका के पास 46 सहकारी सुविधाएं हैं। क्या यह झूठी जानकारी है?

बयान में कहा गया कि रूसी दुष्प्रचार को बढ़ाने के लिए चीन के प्रयास पर अतिरिक्त जानकारी द न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया आउटलेट्स में पाई जा सकती है। यह सिर्फ यह साबित करता है कि यूक्रेन मुद्दे पर गलत सूचना फैलाने वाले कुछ अमेरिकी अधिकारी और मीडिया ही थे, और चीन हमेशा अमेरिका की झूठी सूचनाओं के आक्रामक शिकार रहा है।

दुनिया इस तथ्य से अनजान नहीं है कि अमेरिकी अधिकारी और मीडिया राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धोखाधड़ी में सहयोग करते हैं। इराक युद्ध के वाशिंग पाउडर से लेकर सीरियाई युद्ध के व्हाइट हेल्मेट्स तक,वे सभी दोनों के बीच सांठगांठ कर नकल करने वाली उत्कृष्ट कृतियां हैं। यूक्रेन संकट पैदा होने के बाद उन्होंने फिर से इस चाल का सहारा लिया।

हाल ही में चीनी मीडिया ने यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका की चीन-संबंधी भ्रांति शीर्षक लेख प्रकाशित किया, लगभग 15 हजार शब्दों वाले इस लेख में ठोस तथ्यों और विस्तृत आंकड़ों के साथ अमेरिका और अन्य संबंधित पक्षों द्वारा फैलाई गई चीन से संबंधित विभिन्न भ्रांतियों का गहन रूप से विश्लेषण किया गया। आखिरकार कौन बदनाम कर रहा है और भ्रमित करने के लिए अफवाहें फैला रहा है? हर निष्पक्ष व्यक्ति के पास इसका उत्तर है।

यूक्रेन संकट के सृजक के रूप में, झूठ का साम्राज्य होने के नाते अमेरिका कुख्यात है और बहुत पहले दुनिया में उसका विश्वास खो गया है। हर बार जब वह चीन की निंदा करता है, तो यह अपने ही बुरे कामों पर खुद हमला करता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एएनएम

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