ड्रग्स रैकेट भंडाफोड़ और गिरफ्तारी में हो रही बढ़ोतरी, तस्करी के खिलाफ अपनाएं जीरो टॉलरेंस की नीति: शाह (लीड-1)

चंडीगढ़, 30 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नशीले पदार्थों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के नतीजे दिखने लगे हैं। शाह ने कहा कि 3.3 लाख किलो ड्रग्स की बरामदगी और दर्ज मामलों की संख्या में 200 प्रतिशत की वृद्धि यही दर्शा रही है।
ड्रग्स रैकेट भंडाफोड़ और गिरफ्तारी में हो रही बढ़ोतरी, तस्करी के खिलाफ अपनाएं जीरो टॉलरेंस की नीति: शाह (लीड-1)
ड्रग्स रैकेट भंडाफोड़ और गिरफ्तारी में हो रही बढ़ोतरी, तस्करी के खिलाफ अपनाएं जीरो टॉलरेंस की नीति: शाह (लीड-1) चंडीगढ़, 30 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नशीले पदार्थों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के नतीजे दिखने लगे हैं। शाह ने कहा कि 3.3 लाख किलो ड्रग्स की बरामदगी और दर्ज मामलों की संख्या में 200 प्रतिशत की वृद्धि यही दर्शा रही है।

शाह ने यहां मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पिछले आठ सालों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में शानदार नतीजे प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा, 2006-2013 की तुलना में 2014-2022 के बीच पिछले 8 साल में लगभग 200 प्रतिशत ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तारियों की संख्या में 260 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

शाह ने कहा, क्वालिटी केसेज में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जब्त किए गए ड्रग्स की मात्रा दुगने से अधिक हुई है। 2006 से 2013 के बीच 1.52 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त हुए थे, जबकि 2014 से 2022 के बीच 3.3 लाख किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई है।

उन्होंने कहा, ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले और शरीर और समाज को खोखला करने वाले मादक पदार्थों पर हमने ज्यादा फोकस किया है। 2006 से 2013 तक 768 करोड़ रुपये का ड्रग्स पकड़ी गईं, जबकि 2014 से 2021 के बीच 20 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स पकड़ कर उसे नष्ट करने का अभियान भारत सरकार चला रही है।

सीमावर्ती राज्य पंजाब में ड्रग्स की समस्या अधिक होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ड्रग्स के खतरे के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

शाह ने कहा कि सरकार कानूनों को और सख्त बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है और मादक पदार्थ विरोधी प्रयासों में राज्यों से जुड़ने के लिए सक्रिय रुख अपनाया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, हर कोई कहता है कि पंजाब में ड्रग की समस्या अधिक है, जो एक सीमावर्ती राज्य है। इसलिए, हमें और प्रयास करने होंगे। यदि राज्य सरकार जमीन आवंटित करती है, तो केंद्र प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए अमृतसर में एक फोरेंसिक लैब और एनसीबी का एक छोटा केंद्र स्थापित करेगा।

उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थो के खिलाफ लड़ाई तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसके परिणाम दिखने लगे हैं।

शाह के कड़े संकल्प का आह्रान करते हुए कहा, इस लड़ाई में, राज्यों को एक साथ लाना और इस संकट से तालमेल बिठाना बहुत महत्वपूर्ण है। ड्रग्स का न केवल उपभोग करने वालों पर बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।

सम्मेलन के बीच दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में एनसीबी टीमों द्वारा लगभग 31,000 किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट कर दिया गया।

उन्होंने कहा, हमने राज्यों को इससे जोड़ने (नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई) के लिए एक सक्रिय ²ष्टिकोण अपनाया है। परिणाम उत्साहजनक हैं और यह दर्शाता है कि यह ऐसी समस्या नहीं है जिसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है। एजेंसियों को एक दूसरे के प्रयासों का पूरक होना चाहिए।

सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ पंजाब के राज्यपाल की उपस्थिति की ओर इशारा करते हुए, शाह ने उनसे सप्ताह में कम से कम तीन घंटे और महीने में एक दिन नशीले पदार्थों के मुद्दे पर समर्पित करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, जब तक हम इस ²ष्टिकोण को नहीं अपनाते और जब तक यह संस्कृति हमारे कार्यालय से शुरू नहीं होती, तब तक यह आगे नहीं फैल सकती।

शाह ने हालांकि संतोष व्यक्त किया कि 21 राज्यों ने मादक पदार्थ विरोधी कार्यबल का गठन किया है।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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