दिवंगत पूर्व तिब्बती राजनीतिक कैदी के लिए स्विट्जरलैंड में हुई प्रार्थना सभा
सभा को संबोधित करते हुए प्रतिनिधि थिनले चुक्की ने चीन द्वारा तिब्बत में मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़े होने में लाब्रांग जिग्मे ग्यात्सो के योगदान को याद किया और प्रार्थना सेवा के आयोजन के लिए क्षेत्रीय डोमी एसोसिएशन की पहल की सराहना की।
प्रतिनिधि थिनले ने तिब्बतियों से जिग्मे ग्यात्सो की वीडियो को फिर से देखने का आग्रह किया, जहां उन्होंने विस्तार से बताया कि चीनी जेल में रहते हुए उन्हें किस तरह की यातना का सामना करना पड़ा था।
जिग्मे ग्यात्सो उर्फ लाब्रांग जिग्मे की चीनी जेल में निरंतर यातना और अमानवीय उपचार के परिणामस्वरूप कई स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई थी।
परम पावन दलाई लामा के प्रवचन में भाग लेने के लिए भारत से लौटने पर उन्हें पहली बार 2006 में गिरफ्तार किया गया था।
तब से, उन्हें कई बार चीनी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
उन्हें अलगाववाद को उकसाने के कथित आरोपों के तहत पांच साल की कैद की सजा सुनाुे गई थी।
इससे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित अपने वीडियो रिकॉर्डेड गवाही के माध्यम से तिब्बत में चीन द्वारा गंभीर अधिकारों के उल्लंघन के पैटर्न को उजागर किया था, जिसमें हिरासत में यातना भी शामिल थी।
--आईएएनएस
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