धर्म संसद में दिए गए नफरत भरे भाषणों के खिलाफ याचिका की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत

नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को हरिद्वार में धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों के संबंध में आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया।
धर्म संसद में दिए गए नफरत भरे भाषणों के खिलाफ याचिका की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत
धर्म संसद में दिए गए नफरत भरे भाषणों के खिलाफ याचिका की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को हरिद्वार में धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों के संबंध में आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।

सिब्बल ने प्रस्तुत किया, हम अलग-अलग समय में रह रहे हैं जहां देश में नारे सत्यमेव जयते से बदल गए हैं।

पीठ ने सिब्बल से कहा, हम इस पर गौर करेंगे। पीठ ने सिब्बल से यह भी पूछा कि क्या कुछ जांच चल रही है? सिब्बल ने जवाब दिया कि प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और कहा कि अदालत के हस्तक्षेप के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

संक्षिप्त सुनवाई के बाद, पीठ मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई।

याचिकाकतार्ओं - एक पत्रकार, एक न्यायाधीश, और एक सुप्रीम कोर्ट के वकील - ने शीर्ष अदालत का रुख कर पिछले साल 17-19 दिसंबर के बीच अलग-अलग दो कार्यक्रमों में दिए गए घृणास्पद भाषणों से संबंधित मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

इनमें से एक कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित किया गया था, जहांकथित तौर पर, कई हिंदू धार्मिक नेताओं, जिन्होंने सभा को संबोधित किया। समुदाय से मुसलमानों के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया गया था।

याचिका में एक एसआईटी द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की घटनाओं की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

--आईएएनएस

आरएचए/आरजेएस

Share this story