मध्य प्रदेश के दमोह में गंदा पानी पीने से 2 की मौत
अधिकारियों के मुताबिक भर्ती किए गए लोगों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। इनमें से कई लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। हालांकि तीन दिन पहले हुई इस घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
27 जुलाई को कंचारी पति नामक गांव के निवासियों को अचानक उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। जल्द ही लगभग 35 लोगों को दमोह के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को संदेह था कि उन्होंने कुछ ऐसा खाया होगा, जो जहरीला हो सकता है।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, संभवत: एक कुएं से दूषित पानी पीने से संबंधित समस्याएं होने की संभावना है।
इस बीच, जिला प्रशासन को सूचित किया गया और रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है।
इलाज के दौरान एक 45 वर्षीय महिला और एक अन्य मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम को गांव भेजा।
दमोह के एक डॉक्टर ने कहा कि करीब 200 परिवार गांव के एक कुएं पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि कुएं के दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण का प्रकोप शुरू हो गया है।
दमोह केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल का निर्वाचन क्षेत्र है, (जो जल शक्ति मंत्रालय का भी नेतृत्व कर रहे हैं) जो केंद्र की ड्रीम परियोजना - हर घर नल जल योजना के लिए काम कर रहा है।
साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि 2024 तक हर घर को नल से पानी मिलेगा।
--आईएएनएस
एचके/एएनएम