मवेशी घोटाला : लॉटरी विजेता को औने-पौने दाम में टिकट बेचने को किया गया था मजबूर

कोलकाता, 24 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में लॉटरी-एंगल की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों ने गुरुवार को एक लॉटरी-पुरस्कार विजेता से पूछताछ की, जिसने कहा कि उसे अपने उच्च-राशि के टिकट को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया गया था।
मवेशी घोटाला : लॉटरी विजेता को औने-पौने दाम में टिकट बेचने को किया गया था मजबूर
मवेशी घोटाला : लॉटरी विजेता को औने-पौने दाम में टिकट बेचने को किया गया था मजबूर कोलकाता, 24 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में लॉटरी-एंगल की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों ने गुरुवार को एक लॉटरी-पुरस्कार विजेता से पूछताछ की, जिसने कहा कि उसे अपने उच्च-राशि के टिकट को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया गया था।

बीरभूम जिले के बोलपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत बोरो-शिमुलिया गांव के निवासी नूर अली ने सीबीआई के एक अस्थायी शिविर में आकर अधिकारियों को सूचित किया कि इस साल जनवरी में उसने अपने द्वारा खरीदे गए लॉटरी टिकट के खिलाफ 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार जीता।

नूर अली ने बताया कि हालांकि, उनके पुरस्कार जीतने की खबर वायरल होने के तुरंत बाद, कुछ अज्ञात व्यक्ति उनके आवास पर आए और पुरस्कार विजेता लॉटरी टिकट को 7,00,000 रुपये की राशि देकर ले गए।

जब सीबीआई शिविर में नूर अली से पूछताछ की जा रही थी, उनके पिता कोटई शेख ने शिविर के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा कि शुरू में, वह और उनका बेटा टिकट नहीं देना चाहते थे। शेख ने कहा, लेकिन एक शाम, वोजा नामक एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता और उनके कुछ सहयोगी मेरे घर आए और टिकट न देने पर हमें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। हम धमकियों से बचने के लिए सात दिनों तक अपने घर से दूर रहे। लेकिन जब हम सात दिनों के बाद लौटे, तो धमकियां जारी रहीं और आखिरकार, हमें औने-पौने दामों पर टिकट सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा।

संयोग से, तृणमूल कांग्रेस के नेता और पार्टी के बीरभूम जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल, जो वर्तमान में पशु-तस्करी घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं, उन्होंने कथित तौर पर उस समय 1 करोड़ रुपये का लॉटरी पुरस्कार जीता था जब नूर अली ने इसे जीता था। अब सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह वही टिकट है जिसे नूर अली ने खरीदा था।

पहले से ही, सीबीआई ने कुल पांच लॉटरी टिकटों को ट्रैक किया है, जिनका पुरस्कार अनुब्रत मोंडल या उनकी बेटी सुकन्या मंडल के पक्ष में तीन साल से भी कम समय में चला गया।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने छठी लॉटरी का भी पता लगाया है, जिसकी पुरस्कार राशि घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक इनामुल हक के नाम चली गई थी।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अब लगभग यकीन हो गया है कि एक विशिष्ट अवधि के भीतर इतने सारे लॉटरी पुरस्कार महज संयोग की बात नहीं हो सकते हैं और इन लॉटरी पुरस्कारों का पशु तस्करी आय के डायवर्जन के साथ कुछ संबंध है।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम

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