रूस ने तालिबान को बातचीत के लिए मास्को में आमंत्रित किया

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। रूस ने अफगानिस्तान के साथ राजनयिक चैनल खोलने के प्रयासों के तहत तालिबान के प्रतिनिधियों को मॉस्को में मिलने के लिए आमंत्रित किया है।
रूस ने तालिबान को बातचीत के लिए मास्को में आमंत्रित किया
रूस ने तालिबान को बातचीत के लिए मास्को में आमंत्रित किया नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। रूस ने अफगानिस्तान के साथ राजनयिक चैनल खोलने के प्रयासों के तहत तालिबान के प्रतिनिधियों को मॉस्को में मिलने के लिए आमंत्रित किया है।

रशिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए, जमीर काबुलोव, जो रूसी विदेश मंत्रालय में दूसरे एशियाई विभाग के निदेशक के रूप में भी काम करते हैं, ने कहा कि तालिबान अधिकारियों को एक आमंत्रण दिया गया है।

हालांकि, बैठक का सटीक विवरण और इसमें कौन शामिल हो सकता है, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है।

तालिबान को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किए जाने के बावजूद, जो रूस में प्रतिबंधित है, इसकी राजनीतिक शाखा के प्रतिनिधियों को शांति समझौते के प्रयास में इस साल की शुरुआत में मास्को में वार्ता में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। तब से, अमेरिकी सैनिकों और उनके सहयोगियों की वापसी के बाद इस्लामी आतंकवादी समूह ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, काबुलोव ने पहले संकेत दिया था कि रूस नए तालिबान शासन को मान्यता दे सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें इस इसे लेकर कोई जल्दी नहीं है और इस तरह का कदम नया शासन कैसे व्यवहार करता है उस पर निर्भर करेगा।

उन्होंने अगस्त में कहा था, अगर हम तुलना करें कि सहयोगियों और साझेदारों के रूप में बातचीत करना कितना आसान है, तो तालिबान मुझे लंबे समय से कठपुतली सरकार की तुलना में बातचीत के लिए अधिक तैयार लगता है।

शीर्ष राजनयिक के अनुसार, अमेरिका समर्थित पूर्व नेतृत्व संदिग्ध रूप से चुना गया, बुरी तरह से शासन प्रणाली चली और यह शर्मनाक तरीके से समाप्त हुआ।

हालांकि, समूह के साथ राजनयिक चैनल खोलने के साथ-साथ मॉस्को अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भी आगे बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने पड़ोसी उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान की सेनाओं के साथ कई अभ्यास किए हैं, जिस दौरान जोर देकर कहा गया है कि साझा सीमा की रक्षा की जाएगी।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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