विद्युत क्षेत्र में नियामकों के शीर्ष पद रिक्त, महत्वपूर्ण निर्णय लेने में हो रही देरी

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। महत्वपूर्ण नियामक पदों (रेगुलेटरी पोस्ट्स) को खाली रखने से न केवल पावर सेक्टर में निर्णय लेने में देरी हो रही है, बल्कि सुधार प्रक्रिया भी पटरी से उतर रही है।
विद्युत क्षेत्र में नियामकों के शीर्ष पद रिक्त, महत्वपूर्ण निर्णय लेने में हो रही देरी
विद्युत क्षेत्र में नियामकों के शीर्ष पद रिक्त, महत्वपूर्ण निर्णय लेने में हो रही देरी नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। महत्वपूर्ण नियामक पदों (रेगुलेटरी पोस्ट्स) को खाली रखने से न केवल पावर सेक्टर में निर्णय लेने में देरी हो रही है, बल्कि सुधार प्रक्रिया भी पटरी से उतर रही है।

सूत्रों ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने और न्यायाधिकरण निकाय (ट्रिब्यूनल बॉडी) के सुचारू कामकाज के लिए न्यायाधिकरण निकाय के ऐसे महत्वपूर्ण पद को जल्द से जल्द भरने की जरूरत है।

बिजली और केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण बिना किसी अध्यक्ष के चल रहे हैं।

अगस्त 2021 में न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर के सेवानिवृत्त होने के बाद से अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) एक अध्यक्ष के बिना रहा है। नियामक आयोग (सीईआरसी) पी.के. पुजारी, जिन्हें फरवरी 2018 में विद्युत सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद नियुक्त किया गया था, ने जून में आयोग में एक विस्तारित कार्यकाल पूरा कर लिया था।

सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता वाले चयन पैनल ने अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एपीटीईएल) के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों के नाम की सिफारिश की थी।

सूत्रों के अनुसार, एपीटीईएल अध्यक्ष के पद के लिए जो अनुशंसित तीन नाम हैं, उनमें मंजुला चेल्लूर भी हैं, जिन्होंने पहले अगस्त 2018 से अगस्त 2021 तक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था और अब इस पद के लिए फिर से आवेदन किया है।

पैनल द्वारा अनुशंसित अन्य दो नाम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. एस. चौहान के हैं। पैनल ने अपनी सिफारिश सरकार को भेज दी है, लेकिन सरकार ने अभी तक अध्यक्ष पद के लिए अंतिम चयन नहीं किया है।

पहले की रिपोर्टों के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने एपीटीईएल के अध्यक्ष का पद नहीं भरने के लिए केंद्र को फटकार लगाई थी। अदालत ने केंद्र और अटॉर्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया था और एपीटीईएल अध्यक्ष की नियुक्ति के मामले पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी।

सीईआरसी अध्यक्ष पद के लिए विद्युत मंत्रालय ने फरवरी में 10 पूर्व नौकरशाहों के नामों का सुझाव दिया था, लेकिन सरकार ने अभी तक इसके चयन की घोषणा नहीं की है।

--आईएएनएस

एकेके/एसजीके

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