शून्य कार्बन कॉफी की सुगंध से घिरा दूसरा चीन अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता वस्तु एक्सपो
शून्य कार्बन कॉफी एक प्रकार की कॉफी है, जिसका स्वाद अन्य कॉफी से अलग नहीं है। इसे जीरो-कार्बन कॉफी क्यों कहा जाता है, इसका कारण यह है कि इस कॉफी के रोपण की प्रक्रिया में कोई कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक या कृषि मशीनरी का उपयोग नहीं होता है। इसके बाद कृत्रिम रूप से इन कॉफी बीजों को चुना जाता है और फोटोवोल्टिक का उपयोग करते हुए कॉफी भूनने को निम्न-कार्बन तरीके से किया जाता है। इसके अलावा इस कॉफी की पैकेजिंग के लिये उपयोग की गयी सभी सामग्री जैव निम्नीकरण सामग्री हैं।
शून्य कार्बन कॉफी के उत्पादन की अवधारणा बीज से लेकर कप तक यानी इस कॉफी की प्लांटिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग आदि पूरी उद्योग श्रृंखला के हरित और निम्न-कार्बन उत्पादन को प्राप्त करना है। इस कॉफी की पूरी उत्पादन प्रक्रिया को कार्बन फुटप्रिंट के साथ ट्रैक किया जाता है। केवल इस कॉफी का कार्बन उत्सर्जन शून्य हो जाए, तो बाजार में लाया जा सकता है। वर्ष 2022 अप्रैल में आयोजित बोआओ एशिया मंच के वार्षिक सम्मेलन के दौरान इस शून्य कार्बन कॉफी को प्रदर्शित किया गया।
मध्य हाईनान द्वीप के लीमू पर्वत में स्थित हाईनान नोंगकेन मुशान कॉफी कंपनी ने एक कार्बन तटस्थ स्मार्ट फार्म समाधान की योजना बनाई है। साथ ही, उन्होंने वास्तविक समय में कार्बन उत्सर्जन की निगरानी के लिए एक स्मार्ट ऊर्जा कार्बन प्रबंधन प्रणाली को अपनाया है। इसलिये, इस कॉफी कंपनी के फार्म और फैक्टरी पार्क में स्मार्ट और निम्न-कार्बन प्रबंधन हासिल हुआ है।
वर्ष 2021 में पेइचिंग ग्रीन एक्सचेंज ने हाईनान नोंगकेन मुशान कॉफी कंपनी को कार्बन तटस्थता प्रमाणपत्र जारी किया। इससे मुशान कॉफी एक कार्बन-तटस्थ कॉफी बन गया है, जो न केवल पूरे चीन में, बल्कि दुनिया भर में पहला शून्य कार्बन कॉफी है।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
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