श्रीशंकर के कोच और पिता ने अपने बेटे की सफलता पर की बात

बर्मिघम, 5 अगस्त (आईएएनएस)। बर्मिघम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में लांग जंप में रजत पदक जीतने के बाद श्रीशंकर के पिता एम मुरली ने अपने बेटे के बारे में खुल कर बात की। मुरली ने उन दिनों को याद किया जब उनके बेटे श्रीशंकर टोक्यो ओलंपिक में उम्मीदों के विपरीत बहुत ही खराब प्रदर्शन किया था।
श्रीशंकर के कोच और पिता ने अपने बेटे की सफलता पर की बात
श्रीशंकर के कोच और पिता ने अपने बेटे की सफलता पर की बात बर्मिघम, 5 अगस्त (आईएएनएस)। बर्मिघम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में लांग जंप में रजत पदक जीतने के बाद श्रीशंकर के पिता एम मुरली ने अपने बेटे के बारे में खुल कर बात की। मुरली ने उन दिनों को याद किया जब उनके बेटे श्रीशंकर टोक्यो ओलंपिक में उम्मीदों के विपरीत बहुत ही खराब प्रदर्शन किया था।

कोच मुरली ने कहा, वह मेरा बेटा है, मैं उसके साथ 365 दिन साथ रहता हूं। वहीं, दूसरे कोच आते हैं और उन्हें कोचिंग देकर चले जाते हैं। लेकिन मैं हमेशा उनके साथ रहता हूं। श्रीशंकर भी अपने पिता के प्रशिक्षण के तरीकों से सहज थे और जारी रखना चाहते हैं।

मुरली का अपने कोचिंग में विश्वास था। इसलिए उनके बेटे श्रीशंकर ने अपनी क्षमता से गुरुवार को यहां 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में लंबी कूद में रजत पदक जीता।

मुरली ने श्रीशंकर को तब से कोचिंग दी है जब से उन्होंने कूदना शुरू किया और उन्हें इस स्तर पर लाया कि उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक के दावेदार बन गए।

मुरली ने कहा कि उन्हें अपने काम से लंबी छुट्टी लेनी पड़ी और अपने बेटे के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

उन्होंने कहा, जब से मुझे पिछले साल राष्ट्रीय शिविर से हटा दिया गया था, मुझे लगभग 260 दिनों की छुट्टी लेनी पड़ी और वेतन में लगभग 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

मुरली ने कहा, यह कोई बड़ी बात नहीं है। मैं हमेशा चाहता था कि वह अच्छा करे। मुझे खुशी है कि उन्होंने यहां अपने देश के लिए रजत पदक जीता।

--आईएएनएस

आरजे/एसकेपी

Share this story