जैनस इनिशिएटिव के द्वारा बाल दिवस के उपलक्ष में बाल स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजित किया गया
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने कहा कि अस्वच्छता ही सभी बीमारियों का मूल जड़ है। स्वच्छता रखने से सारी बीमारियों का नाश होता है। इसलिए हम स्वस्थ रहें और एक स्वच्छ समाज बनाने में सहयोग करें।स्वच्छता के लिए बच्चों को ये आदतें विकसित करनी चाहिए जैसे नित्य स्नान करना साफ़ कपड़े पहनना
शौच जाने के बाद हाथों को साबुन से धोना अच्छे तरीके से दांत को साफ करना समय-समय पर नाखून को काटना आदि स्वच्छता को अपने जीवन में उतार लेंगे तो कभी कोई बीमारी नहीं हो सकती है डॉ आलोक अग्रवाल कहा कि स्वच्छता खुद अपनाएं तथा अपने आस - पास गंदगी न रहने दें।जब हम स्वच्छ जीवन जीते हैं, तो हमारे लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना और फिट रहना आसान हो जाता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ घनश्याम गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता की आदतें विकसित करने से समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है और बीमारियों से बचा जा सकता है.
अरविंद श्रीवास्तव गप्पू ने कहा कि स्वच्छ तन में ही स्वच्छ मस्तिष्क का वास होता है। इसलिए, बच्चों को स्वस्थ व स्वच्छ रखने के लिए उन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता की महत्ता के बारे में सिखाना जरूरी है। जनरल सर्जन डॉ राजेश कुमार पांडे ने कहा कि स्वच्छता हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है ।
दिल जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी पवन कुमार सिंह ने कहा कि स्वच्छता हमें स्वच्छ जीवन शैली के कारण फैलने वाली बीमारियों, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों से दूर रखती है। जब हम स्वच्छ जीवन जीते हैं, तो हमारे लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना और फिट रहना आसान हो जाता है। इसके अलावा अनिल श्रीवास्तव बचपन डे केयर सेंटर के समन्वयक धर्मपाल सिंह नेवी अपने विचार व्यक्त किया कार्यक्रम को सफल बनाने में पंकज सिन्हा एकांश श्रीवास्तव शिक्षक अमित कुमार शुक्ला हिमांशु मोहन तिवारी तुलसीराम आशीष कुमार मंजू पांडे विशेष शिक्षिका प्रिया सिंह और सोनी त्रिपाठी का अहम योगदान रहा