प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सकों की दशा एवं दिशा दोनों में अच्छा बदलाव लाया जा सकता है

A good change can be brought in the condition and direction of both naturopathy and naturopathy doctors
A good change can be brought in the condition and direction of both naturopathy and naturopathy doctors

उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)।वर्तमान में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग की दशा एवं दिशा विषय पर वेबीनार का आयोजन नेशनल डायरेक्टरी योग-प्राकृतिक चिकित्सा एवं अन्य नैसर्गिक प्रोफेशनल्स के तत्वाधान मे किया गया, वेबीनार के विशिष्ट वक्ता आरोग्य मंदिर गोरखपुर के निदेशक एवं वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक डॉ विमल कुमार मोदी, ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी नागालैंड के पूर्व कुलाधिपति डॉ. एस.एन. पांडेय,  अंतर्राष्ट्रीय योग केंद्र  कानपुर के निदेशक एवं वरिष्ठ योग-प्राकृतिक चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश जी आनंद, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के योग  एवं अल्टरनेटिव मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर  

डॉ. अमरजीत यादव, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के योग विभाग के प्रवक्ता डॉक्टर सत्येंद्र कुमार मिश्र, इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. एस. एल.यादव, बलरामपुर चिकित्सालय के योग विशेषज्ञ डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु आई एन ओ के जनरल सेक्रेटरी डॉ. एल.के. राय, आयुर्वेदिक एवं यूनानी, तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ सहायक प्रवीण कुमार ने उक्त विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।


डॉ. विमल कुमार मोदी ने बताया कि अब वर्तमान एवं भविष्य का समय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के लिए स्वर्णिम युग के रूप में है, प्राकृतिक चिकित्सकों को निष्काम भाव से अपनी विधा में ईमानदारी एवं जिम्मेदारी से समाज हित में कार्य करते रहना चाहिए, इससे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सकों की दशा एवं दिशा दोनों में अच्छा बदलाव लाया जा सकता है।


डॉ.अमरजीत यादव ने बताया कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विकास का श्रेय भारतीय योग ऋषियों तथा प्राकृतिक चिकित्साविदों को जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का शिक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु सरकार को जिले स्तर पर 50 से 100 बेड का चिकित्सालय एवं राज्य स्तर पर शुरुआती दौर में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा  पद्धति के  10 राजकीय प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के मेडिकल कॉलेज खोलने चाहिए, ताकि योग्य प्राकृतिक एवं योग चिकित्सक तैयार हो सके, जिससे समाज को बेहतर लाभ दिया जा सके। 

डॉ. एस. एन. पाण्डेय ने कहा कि एलोपैथी एवं आयुष की अन्य चिकित्सा पद्धतियों की भांति उत्तर प्रदेश  सरकार, राज्य में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का एक्ट पारित करें जिससे कि प्राकृतिक चिकित्सकों का पंजीयन, चिकित्सालयों का संचालन तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का स्नातक, परास्नातक एवं डिप्लोमा कोर्स का अध्ययन अध्यापन हो सके।

डॉ ओमप्रकाश 'आनन्द' ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य भारत को अधिकतम प्राकृतिक चिकित्सक एवं योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का पैरामेडिकल स्टाफ देने वाला पहला राज्य है। डॉ. आनंद ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा में कार्य करने वाले सभी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का भारत सरकार के पत्र संख्या एल.ओ.आर./ 15016/5/2004 वाई एन दिनांक 04 /09 /2006 के क्रम में पंजीयन होना ही चाहिए। 

डॉ सत्येंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि स्नातक डिग्रीधारी चिकित्सकों का पंजीयन शुरू हो गया है, अब आगे डिप्लोमाधारी वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सकों एवं गुरु शिष्य परंपरा में शिक्षित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का भी रजिस्ट्रेशन भारत सरकार के क्रम में शासनादेश सरकार को जारी करना चाहिए।

डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु ने बताया कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में स्वास्थ्य संवर्धन, स्वास्थ्य संरक्षण, स्वास्थ्य प्रबंधन, रोग प्रबंधन, रोग निवारण एवं स्वास्थ्य स्वावलंबन की अद्भुत क्षमता है इस पद्धति के प्रचार-प्रसार विकास एवं अनुसंधान में सरकार को विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

डॉ एस एल यादव ने बताया कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक नैसर्गिक चिकित्सा पद्धति है, यह पंचमहाभूत तत्वों पर आधारित है, इस विधा का अधिकतम प्रचार प्रसार एवं विकास हो जाए तो देश का मेडिकल बजट भी बहुत कम किया जा सकता है।

आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड के वरिष्ठ सहायक प्रवीण कुमार, डॉ. सोनाली धनवानी, डॉ शिखा गुप्ता एवं अन्य प्राकृतिक चिकित्सकों ने अपने विचार व्यक्त किया। डॉ उर्मिला यादवडॉ अरुण कुमार भरणी डॉ नीलम यादव, डॉ दिनेश कुमार मौर्य, डॉ विनोद कुमार यादव, सुदीप कुमार राय, के.डी. मिश्रा, डॉ सुनील सिंह यादव, डॉ प्रमोद कुमार मद्धेशिया, डॉ संजय यादव आदि महत्वपूर्ण लोगों की उपस्थिति रही।
 डॉ एल. के राय ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबीनार में 92 प्राकृतिक एवं योग चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

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