राजधानी लखनऊ में एमएसएमई डेवलपमेंट पर सेमिनार का आयोजन, एमएसएमई प्रमुख सचिव अलोक कुमार सहित कई आईएएस और विशेषज्ञ शामिल
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य कार्यशील पूंजी ऋण को मजबूत करना है जिसमें बैंकों और एनबीएफसी द्वारा GeM सहाय को अपनाने पर बात हुई। फ़िटनेक प्लेयर्स के सहयोग से राज्य स्तरीय क्रेडिट गारंटी की बात हुई तथा साथ ही कॉर्पोरेट खरीदारों को अपने एमएसएमई भागीदारों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। एवं साथ ही खरीदार द्वारा समय पर भुगतान करने के लिए प्रतिबद्धता के विषय पर बातचीत हुई। तथा ट्रेड्स पोर्टल को जीएसटी ई चालान पोर्टल के साथ एकीकृत करने पर सहमति बनी ।
तथा आयोजित सेमिनार में भारत सरकार द्वारा स्थापित योजना "बिना सहारा के फैक्टरिंग" में डिफाल्ट राशि का 10 प्रतिशत पहला नुकसान होता है, कारकों द्वारा वहन करने पर सहमति बनी। और शेष 90 प्रतिशत राशि एनजीटीसी और फैक्टर्स द्वारा क्रमशः 2 : 1 के अनुपात में वहन किए जाने पर बात हुई। एवं साथ ही निचला खरीदारों को प्लेटफॉर्म पर लेन देन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
तथा साथ ही सेमिनार में सिफारिशों के हितों का ध्यान रखते हुए विवाद समाधान को सरल बनाने पर भी चर्चा हुई। जिसमें डिफाल्टरों की पहचान करके जीएसटी डेटा के लाभ उठाने से लेकर मैन्युअल प्रक्रिया को स्वचालित करने तक चर्चा हुई। सीजीएम सिडबी श्री राहुल प्रियदर्शी ने सिडबी के उदारवादी रवैये और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।100 से अधिक एमएसएमई उद्यमियों ने भाग लिया, लक्षित समूह जिनके लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी। श्री ए.के.माथुर एलएमए, राहुल भाटिया लघु उधोग से ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आयोजित सेमिनार में शामिल एमएसएमई के प्रमुख सचिव अलोक कुमार ने बताया कि आयोजित सेमिनार में कृषि के अतिरिक्त एमएसएमई सेक्टर और एम्प्लॉयमेंट पर मेजर फोकस किया गया। और इन तीनों सेक्टर्स को आपस में लिंक बताया। तथा साथ ही प्रमुख सचिव अलोक कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई का काफी हद तक विस्तार है जिससे इस यूनियन बजट का लाभ मिलेगा। साथ ही प्रमुख सचिव आलोक कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल 90 लाख एमएसएमई हैं जो अन्य राज्यों की तुलना में दोगुने हैं । तथा 90 लाख एमएसएमई में सिर्फ 24 लाख पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं । तथा संख्या में एमएसएमई तो 90 लाख हैं लेकिन आउटपुट में यूपी सिर्फ आठ प्रतिशत है। इसलिए ऑटो कंपोनेंट्स, मैन्युफैक्चरिंग आदि पर फोकस करना चाहिए ।
तथा साथ ही सेमिनार में शामिल सीनियर एडवाइजर रमेश धर्माजी ने बताया कि एमएसएमई के डेवलपमेंट को उसके टर्नओवर और प्रॉफिट को और अधिक बढ़ाया जा सकता है जिसमें यूनियन बजट सहयोगी साबित होगा। तथा धर्माजीने बताया कि इसके साथ ही डिलेड पेमेंट पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही सेमिनार में बैंक ऑफ़ बड़ोदा से सम्मिलित एजीएम (क्रेडिट) जीतेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन काफी अच्छा रहा जिसमें सभी से डायरेक्ट इंटरैक्ट करने का मौका मिला। एवं एजीएम जीतेंद्र ने बताया कि कार्यक्रम में डिलेड पेमेंट के निस्तारण पर चर्चा हुई एवं एमएसएमई कस्टमर को वर्किंग कैपिटल फायनेंस देने पर बात की गई। तथा उन्होंने कहा कि इस प्रत्येक समाधान में बैंक ऑफ़ बड़ोदा हर तरह से सेवा देने में तत्पर है।
इसके साथ ही रजत केमिकल इंडस्ट्री के डायरेक्टर रजत मेहरा और चोपड़ा रेटेक रबर प्रोडक्ट के सीएमडी किरोन चोपड़ा और क्षेत्रीय प्रमुख यस बैंक अंकित अग्रवाल ने भाग लिया।