राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 2,00,553 मामलों का हुआ निस्तारण

A total of 2,00,553 cases were settled through National Lok Adalat
 
A total of 2,00,553 cases were settled through National Lok Adalat
हरदोई( अंबरीष कुमार सक्सेना) अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई भूपेन्द्र प्रताप ने बताया कि माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राज कुमार सिंह द्वारा आज राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर माननीय प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अजय कुमार श्रीवास्तव,माननीय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण शमशुल हक, अपर जिला जज प्रीती श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह, समस्त न्यायिक अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।


राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया एवं वादों का निस्तारण कराया।नोडल अधिकारी/अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा 10840 वादों का निस्तारण किया गया।


राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्तराधिकार प्रकृति के 2 वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 133 वाद, पारिवारिक मामलों के 46 वाद, फौजदारी के 10611 वाद, विभिन्न प्रकृति के 44  तथा स्थाई लोक अदालत द्वारा 04 एवं जिला प्रशासन द्वारा 4704 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया गया।


मोटर दुर्घटना वादों में 3,54,35,000/- रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में पीड़ित पक्षकारों को दिलवाई  गई। ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के माध्यम से जिला प्रशासन के विभागों द्वारा 1,80,368 मामलों का निस्तारण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज भूपेन्द्र प्रताप ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में जनपद न्यायालय परिसर में बैंकों के कैम्प लगाए गए, जिसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 835 वादों का निस्तारण किया एवं कुल ऋण धनराशि 8,94,49,689/- रुपये का समझौता किया गया व भारत संचार निगम द्वारा 30 वादों का तथा यातायात निरीक्षक द्वारा 3776 ई-चालान का निस्तारण  किया गया।प्राधिकरण सचिव ने अवगत कराया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2,00,553 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि 13,07,54,612/- रुपये रही। राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक-बीमा कंपनी तथा जिला प्रशासन का योगदान रहा।

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