जल, जमीन, जंगल, जानवर, जन विषय पर दो दिन मंथन किया गया

There was discussion on water, land, forest, animals and people for two days
There was discussion on water, land, forest, animals and people for two days
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).शिक्षा संकाय लखनऊ विश्वविद्यालय में नेशनल इनवायरमेंट यूथ पार्लियामेंट (एन इ वाई पी-2025) के पर्यावरण संरक्षण गतिविधि (पीएसजी) एवं स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट(एसएफडी) के तहत पर्यावरण संरक्षण पर दो दिवसीय डिबेट कंपटीशन के पश्चात विजेताओं की घोषणा। 


 शिक्षा शास्त्र विभाग के ऑडिटोरियम में जंगल, जानवर और जन विषय पर दो दिवसीय डिबेट कंपटीशन का अंतिम दिन आयोजन किया गया। जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता और सचेतना पैदा करना हैं। 
     कार्यक्रम की शुरुआत, कार्यक्रम संयोजक डॉ० हेमेंद्र कुमार सिंह ने अतिथिगण का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए किया। इसके पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो० दिनेश कुमार, डॉ० हेमेंद्र कुमार सिंह और निर्णायक मंडल में शामिल संयोजक प्रो० रीना अग्रवाल (शिक्षाशास्त्र विभाग) एवं निर्णायक मण्डल के सदस्य प्रो० अमृता श्रीवास्तव (रसायनशास्त्र विभाग), प्रो० राहुल पांडेय(हिन्दी विभाग), डॉ० फैजल एहसान हाशमी द्वारा संयुक्त रूप से ज्ञान का दीप प्रज्वलित किया गया तथा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को पुष्प अर्पित किए गए।


     कार्यक्रम संयोजक डॉ० हेमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता लाने हेतु जल, जमीन, जंगल, जानवर, जन विषय पर दो दिन मंथन किया गया जिनमें कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन आज जंगल, जानवर और जन विषय पर प्रतिभागियों द्वारा उनके विचार प्रस्तुत किए जाएंगे। डॉक्टर सिंह द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि महाकुंभ में जमीनी स्तर पर क्या किया जाए की पर्यावरण में प्रदूषण और कचरा न फैले क्योंकि महाकुंभ में 45 दिनों में 45 करोड़ श्रद्धालु भाग लेंगे जिससे 45 करोड़ टन कचरा उत्पन्न होने का अनुमान है। उन्होंने एक थाली और एक थैला अभियान की सुरुआत करते हुए माँ त्रिवेड़ी के स्वक्षता का अहवाहन करते हुए प्रदूषण मुक्त-हरित कुम्भ का संकल्प कराया। इसी कड़ी में महाकुंभ के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु विभागाध्यक्ष    प्रो० दिनेश कुमार एवं निर्णायक मण्डल को एक थाली, एक थैला भेंट कर इस “एक थाली, एक थैला अभियान” की शुरुआत की।
डॉ० हेमेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि सूचनाओं को सभी प्राप्त करते हैं परंतु आवश्यक यह है कि हम इन्हे कितना समझ रहे हैं और अपने जीवन में कितना उतारते हैं डॉक्टर सिंह द्वारा “वेस्ट लैंड को बेस्ट लैंड” में परिवर्तन हेतु शिक्षा विभाग को मॉडल प्लेस बनाने के लिए इको क्लब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे विभागाध्यक्ष द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। आगे उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को अपनी सोच सामने लाने की आवश्यकता है जिससे पूर्वजों द्वारा प्रदत्त संसाधनों को अगली पीढ़ी तक सुरक्षित पहुंचाने का कार्य किया जा सके। 


  इसके पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो० दिनेश कुमार द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता और विभिन्न प्रकार के प्रदूषकों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी विचार व्यक्त किया कि सतत विकास हेतु मानव समुदाय को जंगल, जानवर और जन के प्रति मानवता पूर्ण व्यवहार को प्रदर्शित किया जाए।प्रो० अरुण कुमार द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि समाज में जानवरों के प्रति लगाव और संवेदना कितनी है यही देश में सभ्य मानव का वास्तविक आधार और मानक हो सकता है। डॉ० राहुल पांडे द्वारा पुनः दूसरे दिन प्रतियोगिता के मूल्यांकन का आधार बताया गया जिसमें विषय वस्तु, समयबद्धता, भाषा, संचार कौशल और संपूर्ण प्रस्तुतीकरण आदि को आधार  बनाया जाएगा। 
 कार्यक्रम के अंत में निर्णायक मण्डल के संयोजक एवं सदस्य प्रो० हाशमी ने सभी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया, प्रोफेसर रीना अग्रवाल और प्रोफेसर अमृता श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागियों को उनके प्रदर्शन से संबंधित प्रतिपुष्टि प्रदान की गई।

 विभागाध्यक्ष प्रो० दिनेश कुमार द्वारा सभी प्रतिभागियों का उत्साह आवर्धन किया गया तथा विजेताओं की घोषणा की गई। इस दो दिवसीय प्रतियोगिता के विजेता प्रथम स्थान (मयंक पटेल-जंगल , श्रेया कटियार- जानवर , दिव्यंका भदौरिया-जन , शाक्षी यादव- जमीन , ब्यूटी पाण्डेय- जल ), द्वितीय स्थान (जाह्नवी जायसवाल-जल, अजीत कुमार शुक्ला- जमीन, दीपा वर्मा-जन, शुभद्रा सिंह- जानवर, प्रियांशी वर्मा-जंगल) घोषित हुए।    आज जंगल, जानवर और जन की डिबेट प्रतियोगिता अभय तिवारी,ऋतु पाल, प्रियांशी वर्मा, स्निग्धा अवस्थी, अदिति, शालिनी वर्मा आदि ने अपने अपने अंदाज में बेबाक अपनी बात रखा। कार्यक्रम का संचालन एवं सफल क्रियान्वयन में शोध छात्र स्वेता जैसवाल, तेजबहादुर, अनुक्ता कृति, अजीत कुमार यादव का विशेष योगदान रहा।  

 कार्यक्रम के अंत में डॉ० हेमेंद्र कुमार सिंह द्वारा प्रतिभागियों, शिक्षक साथियों, निर्णायक मण्डल के सदस्यों एवं संकाय प्रमुख के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। आज के कार्यक्रम में प्रो० तृप्ता त्रिवेदी, प्रो० मुनेश कुमार, प्रो० अरुण कुमार, डॉ० अपर्णा गोडबोले, डॉ० आकांक्षा सिंह, डॉ० नीतू सिंह, डॉ० किरनलता डँगवाल, डॉ० सूर्य नारायण गुप्ता, डॉ० देवेन्द्र यादव, डॉ० संजय यादव, डॉ० सुमित गंगवार, डॉ० बीना इंद्राणी एवं शोध छात्र और छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।

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