हीटवेव (लू) को देखते हुए इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस एवं आईवी फ्ल्यूड का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध करा दिया गया है:डॉक्टर एस एस रजा
पिछले दिनों में तापमान बढ़ा है। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव (लू) के प्रति अलर्ट जारी कर दिया है। डाक्टरों ने लोगों से इस मौसम में बचाव करने की अपील की है।
नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदरनगर आलमबाग के चिकित्सा अधीक्षक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस एस रजा ने कहा कि इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के आवश्यक उपाय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे हैं। साथ ही समस्त स्टाफ को सक्रिय रहने व विपरीत परिस्थितियों में तत्काल राहत देने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। स्थिति से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन कर दिया गया है। जून माह में हीटवेव (लू) का असर रहता है। इससे संबंधित एडवाइजरी जारी की गयी है। लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के आवश्यक उपाय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। इसके लिए समस्त स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया। इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस एवं आईवी फ्ल्यूड का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध करा दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्र पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति भी करा दी गई है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्र से हीटवेव (लू) की रिपोर्ट संकलित कर शासन को प्रेषित की जाती है। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों का जल जनित बीमारी, निजी स्वच्छता और सफाई के प्रति संवेदीकरण किया गया है। । हीटवेव (लू) के कारण शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है जिससे जटिलताएं भी बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि इस वक्त धूप में जरूरत होने पर ही निकलें। जब भी धूप में घर से बाहर निकले तो पानी पीकर और शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहन कर निकले। इसके साथ ही धूप में छाते का उपयोग करें। इस वक्त तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। तबीयत खराब होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर संपर्क करें।
ऐसे करें बचावअधिक से अधिक पानी पिएं पसीना सूखने वाली व हल्के रंग के वस्त्र पहने धूप में निकलते समय चश्मे, छाते व चप्पलों का प्रयोग करें। खुले में कार्य करते हैं तो चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढक कर रखें और यदि संभव हो तो छाते का प्रयोग करें। दोपहर में 11 से तीन बजे के मध्य धूप में निकलने से बचें। घर में बने पेय पदार्थ लस्सी, नींबू पानी, छाछ इत्यादि का प्रयोग करें। पेट में मरोड़, घमौरियां, शरीर में कमजोरी, आना चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई आना जैसे लक्षण सामने आए तो स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय सलाह लें।