अखंड प्रचंड पुरुषार्थी: अमित शाह 21वीं सदी के लौह पुरुष
Unwavering and persistent: Amit Shah – The Iron Man of the 21st century
Wed, 22 Oct 2025

(सत्येंद्र कुमार जैन – विनायक फीचर्स)
श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है:
“यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।“
अर्थात, श्रेष्ठ व्यक्ति जैसा आचरण करते हैं, समाज उसी मार्ग का अनुसरण करता है। यही पंक्तियाँ केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के जीवन और व्यक्तित्व को समर्पित प्रतीत होती हैं। वे एक ऐसे जननायक हैं जिन्होंने अपने तप, त्याग, कार्यनिष्ठा और संगठन कौशल से न केवल एक राजनीतिक यात्रा तय की, बल्कि देश की नीति और सुरक्षा को एक नई दिशा दी।
शुरुआती जीवन और संस्कार
22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्मे अमित शाह की परवरिश गुजरात के मानसा में हुई। बचपन से ही वे भारतीय शास्त्रों, व्याकरण और महाकाव्यों से परिचित रहे। उनकी माता श्रीमती कुसुम बेन से उन्हें खादी, स्वदेशी वस्तुओं और सादगी के संस्कार मिले। यही पारिवारिक मूल्य उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन की नींव बने।
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राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
आपातकाल के बाद 1977 में, मात्र 13 वर्ष की आयु में, वे चुनाव प्रचार में सक्रिय हुए। सरदार वल्लभभाई पटेल की पुत्री मणि बेन पटेल के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव स्थापित किया। 1980 में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से सक्रियता के साथ कार्य करना शुरू किया और 1982 में गुजरात राज्य का संयुक्त सचिव बने।
1984 में भाजपा के बूथ एजेंट के रूप में राजनीतिक यात्रा आरंभ करने वाले अमित शाह ने 1987 में भाजपा युवा मोर्चा से जुड़कर संगठनात्मक कौशल का परिचय दिया।
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संगठन शिल्पी से जनसेवक तक
1995 में गुजरात वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बने और घाटे में चल रहे निगम को 214% लाभ में बदल दिया। इसके बाद 1997 में सरखेज विधानसभा उपचुनाव में पहली बार विधायक बने और 2017 तक लगातार विधानसभा सदस्य रहे।
2002 में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष बने और वित्तीय रूप से संघर्षरत बैंक को लाभ में पहुंचाया।
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राष्ट्रीय भूमिका और निर्णायक नेतृत्व
2013 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बने और उत्तर प्रदेश का प्रभार संभाला। 2014 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा को 73 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाई। इसी के बाद उन्हें जुलाई 2014 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उनके नेतृत्व में भाजपा ने विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनने का कीर्तिमान स्थापित किया—11 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ। उन्होंने संगठन विस्तार, डिजिटल पुस्तकालय, प्रशिक्षण, पार्टी कार्यालय निर्माण आदि में नवाचार किए।
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केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में ऐतिहासिक निर्णय
2019 में केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद, अमित शाह ने भारत की एकता और सुरक्षा को लेकर अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए:
धारा 370 और अनुच्छेद 35A को समाप्त कर कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ा
पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा और जातीय विवादों का समाधान
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना, रेड कॉरिडोर का समापन
ब्रू-रियांग, बोडो समझौते जैसे प्रमुख कदम
उनकी जीरो टॉलरेंस नीति ने देश की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा दी। नक्सलवाद को मात्र कुछ जिलों तक सीमित कर दिया गया है, और 2026 तक इसके पूर्ण अंत का लक्ष्य रखा गया है।
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सहकारिता मंत्रालय – गांव से विकास तक
2021 में भारत के पहले सहकारिता मंत्री के रूप में नियुक्त होने के बाद, उन्होंने “सहकार से समृद्धि” का मंत्र दिया। 2 लाख से अधिक सहकारी समितियों का गठन कर, छोटे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ पहुंचाया है।
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21वीं सदी के लौह पुरुष
अमित शाह न केवल भारतीय जनता पार्टी के सर्वश्रेष्ठ संगठक हैं, बल्कि वे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने वाले नेता हैं। धारा 370 का अंत हो, नक्सलवाद का उन्मूलन, या सहकारी आंदोलन का पुनर्जागरण — उनका नेतृत्व हमेशा निर्णायक, स्पष्ट और राष्ट्रहित में रहा है।
वे सच्चे अर्थों में सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों पर चलने वाले नेता हैं — संयम, दृढ़ता और समर्पण के प्रतीक। इसीलिए उन्हें आज के समय का आयरन मैन, फौलादी नेतृत्वकर्ता और भारत का लौह पुरुष कहा जाता है।
