गठबंधन ‘इंडिया’ “देश के हितों और लोकतंत्र की रक्षा” के लिए:सुनील सिंह
![लोकतंत्र में बोलना अब ख़तरनाक बात बन गई है. राष्ट्र गया, सत्य गया, स्वतंत्रता गई.आज देश का सबसे बड़ा दुश्मन बेरोजगारी है. सरकार गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने और किसानों का कल्याण करने के मुद्दे पर ध्यान देने में विफल है। सुनील सिंह ने कहा कि आज गठबंधन देश को एकजुट करने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पार्टियों का गठबंधन नहीं बल्कि देश की लोकतंत्र को बचाने का गठबंधन है.देश को एक सामूहिक नेतृत्व की आवश्यकता है जो युवाओं और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो. हमें ऐसी सरकार चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील हो। एनडीए को इस बात का डर भी है कि गठबंधन सफल हो गया तो क्या होगा।देश के प्रधानमंत्री जी सभी मुद्दे को लेकर चर्चा करते रहते है, लेकिन देश के अन्नदाताओं के लिए कुछ नहीं बोलते है?आज लोकदल इस रामलीला के ऐतिहासिक दिन पर लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए गठबंधन नेताओ के साथ है।](https://aapkikhabar.com/static/c1e/client/86288/uploaded/a8040003a1a809db441b540d5b9db7dc.jpeg?width=730&height=480&resizemode=4)
लोकतंत्र में बोलना अब ख़तरनाक बात बन गई है. राष्ट्र गया, सत्य गया, स्वतंत्रता गई.आज देश का सबसे बड़ा दुश्मन बेरोजगारी है. सरकार गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने और किसानों का कल्याण करने के मुद्दे पर ध्यान देने में विफल है। सुनील सिंह ने कहा कि आज गठबंधन देश को एकजुट करने का काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पार्टियों का गठबंधन नहीं बल्कि देश की लोकतंत्र को बचाने का गठबंधन है.देश को एक सामूहिक नेतृत्व की आवश्यकता है जो युवाओं और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो. हमें ऐसी सरकार चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील हो। एनडीए को इस बात का डर भी है कि गठबंधन सफल हो गया तो क्या होगा।देश के प्रधानमंत्री जी सभी मुद्दे को लेकर चर्चा करते रहते है, लेकिन देश के अन्नदाताओं के लिए कुछ नहीं बोलते है?आज लोकदल इस रामलीला के ऐतिहासिक दिन पर लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए गठबंधन नेताओ के साथ है।