अर्नब गोस्वामी करें यह काम तो मुम्बई पुलिस के गले की बन सकती है फांस

अर्नब गोस्वामी करें यह काम तो मुम्बई पुलिस के गले की बन सकती है फांस

National NewsDesk -जो काम सीजेएम कोर्ट से ही हो जाना चाहिए था उसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ा । पहले सीजेएम कोर्ट फिर हाईकोर्ट से बेल न मिलना कहीं न कही जुडिशियल सिस्टम पर भी प्रहार करता है ।

देखने वाली बात यह है कि जब केस को reopen करने की परमीशन नही ली गई थी illegal arresting की बात शुरुआत में ही कोर्ट के सामने आ जाने पर वहीं से ही अर्नब गोस्वामी को रिहा कर देना चाहिए था जो कि नही हुआ ।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि highcourt ने बेल मामले में गलती दिखाई ।

होना तो यह चाहिए था कि

1-अर्नब की गिरफ्तारी मामले पर सीजेएम कोर्ट पर ही 156(3)सीआरपीसी के तहत अर्नब गोस्वामी के वकीलों को प्रार्थना पत्र देकर illegal arresting को challenge किया जाना चाहिए था और मजिस्ट्रेट को पूरे अधिकार हैं कि वह मामले को सुनकर इस मामले उसी मामले को अपनी देखरेख में ही सुनवाई कर सकते थे और उसी कोर्ट से रिहा कर सकते थे क्योंकि गिरफ्तारी पूरी तरह से गलत है ।

अब अर्नब के वकीलों को चाहिए कि वह उन पुलिस वालों पर केस दर्ज करे सीधे कोर्टमे जिन्होंने गिरफ्तारी की साथ ही Highcourt में compensation भी मांगा जाना चाहिए ।

2-Illegal Arresting के लिए Police Complaint Authority में शिकायत करनी चाहिए ।

3-Highcourt से Compensation मांगे ।

Share this story