Lok Sabha Election 2024 : China तय करेगा, किसकी बनेगी भारत में सरकार?

 Artificial Intelligence Ke Nuksan In Hindi

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Lok Sabha Election 2024

AI Ke Nuksan In Hindi

एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मौजूदा दौर में ये जितना उपयोगी है, उतना ही ख़तरनाक भी... ये कितना ख़तरनाक हो सकता है, इसका पैमाना पता लगाना, बहुत मुश्किल है... लेकिन क्या ये इस कदर भी खतरनाक हो सकता है कि किसी देश में होने वाले चुनाव का रिज़ल्ट ही बदल दे?? जी हां, अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट आई है... इसमें बताया गया है कि भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया के चुनावों को बाधित करने के लिए चीन, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर सकता है...

चीनी दखलअंदाजी, कहीं पड़ न जाए भारी?

माइक्रोसॉफ्ट की इस रिपोर्ट को इसलिए सीरियस लिए जाने की ज़रूरत है क्योंकि चीन पर ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिए AI का इस्तेमाल करने का आरोप लग चुका है... चीन ने इसी साल की शुरुआत में यानी जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान AI की मदद से दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी... वो पहली बार था जब चीन ने विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए AI कॉन्टेंट का इस्तेमाल किया था... माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी कि इस साल चीन का टारगेट ताइवान से आगे भी बढ़ सकता है... इन सब के बीच, सबसे बड़ा खतरा भारत को है, क्योंकि भारत का सबसे बड़ा चुनाव यानी लोकसभा चुनाव बिल्कुल करीब है... और जैसा कि आपको मालूम है कि सोशल मीडिया के इस दौर में सड़क से ज्यादा ट्विटर और फेसबुक पर चुनाव प्रचार किया जाने लगा है तो अब आपको हम बताते हैं कि आखिर कैसे चीन इसमें खलल डाल सकता है...

AI से क्यों डर रही है दुनिया?

चीन का सबसे पहला हथियार होगा सोशल मीडिया के जरिए AI से बना फेक कॉन्टेंट... वो इन फेक कॉन्टेंट को तेज़ी से फैलाएगा... ये फेक कॉन्टेंट ही  चीन को सबसे ज़्यादा फायदा पहुंचाएंगे... ऐसा वो मानता है... लेकिन इन कॉन्टेंट से चुनावों के नतीजों पर असर पड़ने की possibilities फिलहाल कम है... क्योंकि अब आम लोग भी एक genuine content और fake content को पहचानने लगे हैं...

Lok Sabha Election 2024

चीन का दूसरा हथियार होगा AI की मदद से बने फेक ऑडियोज़ और वीडियोज़...  वोटर्स को प्रभावित करके चुनाव को बाधित करने के लिए चीन AI से बना ऑडियो और वीडियो का इस्तेमाल बढ़ाएगा... जैसा कि ताइवान में हुआ था... ताइवान चुनाव को प्रभावित करने के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के फेक वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किए गए थे... माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक फेक वीडियो AI के ज़रिए बनाए गए थे... हालांकि, यूट्यूब ने इन्हें हटा दिया था... लेकिन तब तक चीन की ये चाल काम कर गई थी...

एआई पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाना चाहिए?

हाल में हमने बॉलीवुड अभिनेत्रियों के 'डीपफेक' वीडियो देखे हैं... चुनावी सीजन में राजनेताओं के ऐसे ही 'डीपफेक' वीडियो और AI की मदद से बनाए गए फेक कंटेंट चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं... चीन का तीसरा हथियार होगा एआई जेनरेटेड टीवी न्यूज़ एंकर... ये टीवी न्यूज़ एंकर भी फेक न्यूज़ लोगों तक पहुंचाकर safe and secure election के अभियान पर बट्टा लगाएंगे... कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि एआई के तकनीकी औज़ार बहुत ही ख़तरनाक हैं और ग़लती से भी ये ग़लत हाथों में पड़ गए, तो इससे होने वाले नुकसान क़हर बरपा सकते हैं, लोगों के ज़हन में आशंकाएं पैदा करके वोट को प्रभावित कर सकते हैं और इस तरह लोगों के मुकद्दर भी तय कर सकते हैं...

AI से क्यों डर रही है दुनिया?

लिहाज़ा, हम अपने दर्शकों से बस एक ही अपील करना चाहेंगे कि वो इस बात को याद रखें कि उनका वोट बेहद कीमती है... इसलिए अपनी सूझबूझ और अपनी समझदारी से वोट करें... ताकि आप अपने साथ-साथ अपने देश का भी भविष्य बेहतर बनाने में अपना सहयोग कर सकें... 

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