Avian Influenza क्या चिकन और अंडे खाना सुरक्षित है ? क्या कहते हैं experts

Avian Influenza क्या चिकन और अंडे खाना सुरक्षित है ? क्या कहते हैं experts

Influenza Bird Flu Outbreak 16 जनवरी, 2021 तक महाराष्ट्र के लातूर, परभणी, नांदेड़, पुणे, सोलापुर, यवतमाल, अहमदनगर, बीड और रायगढ़ जिलों के पोल्ट्री फार्म में एविएन इन्फ्लुएंजा के मामलों की पुष्टि की गई है।

कहाँ कहाँ हुई Avian Influenza की पुष्टि ?

इसके अलावा, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले (कौवा); गुजरात के सूरत, नवसारी और नर्मदा जिले (कौवा); उत्तराखंड का देहरादून जिला (कौवा); उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला (कौवा) में एविएन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली के नजफगढ़ में कबूतर और भूरे रंग के उल्लू और रोहिणी में बगुले में एविएन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है।

pib news के अनुसार केंद्रीय पोल्ट्री विकास संगठन मुंबई, भारत सरकार से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गियों की असामान्य मृत्यु की सूचना आई हैं। जिसके बाद नमूनों को परीक्षण के लिए नामित प्रयोगशाला में भेजा गया है।

मुर्गी पालन क्षेत्रों में चल रहा मुर्गी पालन का काम

छत्तीसगढ़ राज्य में रैपिड रिस्पांस टीमों को तैनात किया गया है और प्रभाव वाले क्षेत्र बालोद जिले में मुर्गी पालन का काम चल रहा है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में भी रैपिड रिस्पांस टीमों को तैनात किया गया है। मध्य प्रदेश के सर्वाधिक प्रभाव वाले जिले हरदा में मुर्गी पालन का काम चल रहा है।

देश के प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल प्रभावित स्थलों का दौरा कर रहे हैं और महामारी विज्ञान का अध्ययन कर रहे हैं।

क्या चिकन और अंडे खाना सुरक्षित है

राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और संक्रमण मुक्त क्षेत्रों/राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री की अनुमति दें। दोहराया गया है की अच्छी तरह से पकाए गए चिकन और अंडे मनुष्यों के लिए सुरक्षित है। उपभोक्ताओं को आधारहीन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो अवैज्ञानिक हों और अक्सर भ्रम पैदा करती हों। ये अफवाहें पोल्ट्री और अंडा बाजारों और इसी तरह पोल्ट्री और मक्का किसानों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जो पहले से ही कोविड-19 महामारी व लॉकडाउन से प्रभावित हैं।

विभाग की सलाह के बाद, राज्य, समाचार पत्रों के विज्ञापनों, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों आदि के माध्यम से जागरूकता गतिगतिविधियाँ चला रहे हैं। इसके अतिरिक्त, एवियन इन्फ्लुएंजा के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयासों को जारी रखते हुए विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों जैसे ट्विटर और फेसबुक हैंडल सहित विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से स्थिति को आम जनता के साथ साझा किया जा रहा है।

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