एनसीसी द्वारा 'वाइब्रेंट विलेज' योजना पर जागरूकता और स्वास्थ्य संदेश

वाइब्रेंट विलेज योजना का महत्व
कर्नल पटवाल ने योजना के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा:
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समग्र विकास: योजना का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती गाँवों का समग्र विकास करना है, ताकि वहाँ बुनियादी ढांचे, आजीविका के अवसरों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
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पलायन पर रोक: इसका महत्व उत्तरी सीमावर्ती गाँवों का विकास कर वहाँ के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार करना है, जिससे पलायन रुक सके और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिले।
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सुरक्षा और आजीविका: यह योजना सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देती है (जैसे सड़कें, पर्यटन और स्थानीय उत्पादों पर आधारित व्यवसाय)।

तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभाव पर जागरूकता
इस दौरान, सीएचसी सिरसिया के डॉ. प्रवीन कुमार ने कैडेटों और ग्रामीणों को तम्बाकू सेवन से होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया।
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स्वास्थ्य जोखिम: तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों में कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और श्वसन संबंधी बीमारियाँ (जैसे सीओपीडी) शामिल हैं।
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अन्य प्रभाव: यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है, त्वचा और दाँतों को नुकसान पहुँचाता है, तथा रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है।
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कैंसर: तम्बाकू चबाने और धूम्रपान से मुँह, गले, फेफड़े, पेट, मूत्राशय और शरीर के कई अन्य अंगों में कैंसर हो सकता है।

कार्यक्रम की अन्य गतिविधियाँ
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डीपीआरओ के सहयोग से सफाई और स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
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विभिन्न निदेशालयों से आए कैडेटों ने अपने निर्धारित रूट पर ट्रैकिंग भी की।

कार्यक्रम में बटालियन के अधिकारीगण, समस्त निदेशालयों के एसोसिएट एनसीसी अधिकारी, सूबेदार मेजर बिनय घोष, ट्रेनिंग जेसीओ सूबेदार नंद सिंह, सतबीर सिंह, कुलदीप सिंह सहित पीआई स्टाफ मौजूद रहे।

