13 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों पर बढ़ रहा तंबाकू सेवन का खतरा
 

Children between the ages of 13 and 15 are at increased risk of tobacco use
Children between the ages of 13 and 15 are at increased risk of tobacco use
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पांडेय).विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 का विषय या उसकी थीम "Protecting children from tobacco industry interference यानी तंबाकू उद्योग की दखल से बच्चों की रक्षा करना", ताकि भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि तंबाकू के इस्तेमाल में गिरावट जारी रहे। इस वर्ष तंबाकू उद्योग द्वारा युवाओं को टारगेट कर बनाए गए मार्केटिंग के तरीकों की चिंता बढ़ाने वाली प्रवृत्ति की ओर ध्यान दिया गया है.


इसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने हेतु , लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ सूर्यकांत विभागाध्यक्ष पल्मनोलॉजी विभाग, मेडिकल कॉलेज के  उपस्थित रहे। आपने बताया कि कैसे तंबाकू का सेवन भारत के  युवाओं को अपने गिरफ्त में ले रहा है, जिसके परिणाम स्वरुप 13 से 15 वर्ष के बच्चों में तंबाकू सेवन का प्रचलन बढ़ा है। आपने यह भी बताया कि दुनिया में भारत दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक एवं उपभोग का देश है। तंबाकू के दुष्परिणामों को बताते हुए युवाओं से आवाहन किया कि वह तंबाकू का पूर्णता बहिष्कार करें एवं एक अच्छी जीवन शैली को स्वीकार करें। 

वर्तमान में युवाओं में धूम्रपान का प्रचलन बना हुआ है और कई देशों में यह लगातार बढ़ रहा है. 13 से 15 वर्ष की आयु के 38 मिलियन से अधिक बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल कर रहे हैं. साल 2022 में, 15 से 24 साल के बच्चों के बीच पॉपुलर टीवी और वेब शो में तंबाकू वाले विजुअल्स में 110 फीसदी की वृद्धि हुई, जो अक्सर धूम्रपान को ग्लैमरस और कूल के रूप में दिखाते हैं. ट्रुथ इनिशिएटिव के अनुसार, स्क्रीन पर धूम्रपान की तस्वीरें देखने पर युवाओं में स्मोकिंग शुरू करने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है I 

समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश द्विवेदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए बताया कि जिस प्रकार चिकित्सकीय क्षेत्र के विशेषज्ञ तंबाकू के सेवन से पीड़ित मरीजों को चिकित्सकीय उपचार प्रदान कर रहे हैं, उसी प्रकार समाज कार्य विभाग एवं छात्रों को भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का अनुभव करते हुए तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक उपचार प्रदान करना चाहिए एवं बच्चों तथा युवाओं को तंबाकू सेवन से दूर रहने के लिए प्रेरित करना होगा। 

थीम युवा सुरक्षा पर प्रकाश डालती है, धूम्रपान के विनाशकारी स्वास्थ्य परिणामों को याद रखना महत्वपूर्ण है। तम्बाकू का उपयोग दुनिया भर में  मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है, जिससे प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जान चली जाती है। धूम्रपान लगभग हर शारीरिक प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

तम्बाकू छोड़ने के लाभ लगभग तत्काल हैं। धूम्रपान छोड़ने के सिर्फ 20 मिनट बाद आपकी हृदय गति में सुधार होता है। 1-9 महीने के भीतर खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाती है। 5-15 वर्षों के भीतर, आपके स्ट्रोक का जोखिम धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के बराबर कम हो जाता है। 10 वर्षों के भीतर, आपके फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु दर धूम्रपान करने वाले की तुलना में लगभग आधी है। 15 वर्षों के भीतर, धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति में हृदय रोग का खतरा उतना ही होता है। 


कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के तहत विजेता छात्राओं को मेडल देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में परिसर में कार्यरत ग्राउंड वर्कर्स को श्री-अन्न वितरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में हस्ताक्षर अभियान चला कर तंबाकू मुक्त परिसर का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में UPVHA से विवेक अवस्थी, डॉक्टर रजनीश शर्मा प्रोफेसर राजकुमार सिंह प्रोफेसर रूपेश कुमार प्रीति शाह समाज कार्य विभाग के शिक्षक छात्र एनसीसी कैडेट्स एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्रा स्निग्धा एवं साक्षी ने किया।

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