डायबिटीज से होने वाले काॅम्लीकेशन विषय पर सी0एम0ई0 सम्पन्न
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा0 मित्रा ने बताया कि भारतीयों में डायबिटीज रोग यूरोपियन देशों के लोगो की अपेक्षा 10 वर्ष पूर्व हो जाती है और डायबिटीज के कारण हृदय रोग भी यूरोपियन देशों के लोगो की अपेक्षा 10 वर्ष पूर्व हो जाती है। एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ के डा0 मनीष गुच्छ जो कि मेदान्ता हास्पिटल के इण्डोक्राइनोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष है, अपने व्याख्यान में बताया कि यूरोपियन लोगों की अपेक्षा भारतीय लोग कम मोटे होने के बावजूद भी डायबिटीज रोग से ग्रसित हो जाते है। उन्होंने ने कहा कि भारतीय लोगों को वजन न बढने तथा जंक फूड से पूर्णतया बचना चाहिये।
डा0 आशीष झा, ने अपने व्याख्यान में डायबिटीज तथा हृदय रोगों से बचाव के उपाय तथा वर्तमान में इन रोगों के उपचार हेतु नई औषधियों उपलब्ध है, के बारे में बताया। डा0 अनुपमा कौल, नेफ्रोलाॅजी विभाग, एस0जी0पी0जी0आई0 द्वारा डायबिटीज के कारण होने वाले गुर्दा रोगों के प्रकार एवं उपचार में लाभकारी औषधियों की जानकारी दी तथा प्लास्टिक के नैनो पार्टिकल से किडनी पर होने वाले दुष्प्रभावों का संक्षिप्त रूप से अवगत कराया। प्रोफेसर (डा0) ए0के0 सिंह द्वारा डायबिटीज एवं तंत्रिका तन्त्र में उत्पन्न होने वाले रोगों, रोगों के लक्षण, प्रभावी औषधियांे तथा नई शोधों के बारे में बताया। कार्यक्रम आयोजन सचिव एवं जनरल मेडिसिन विभाग, संस्थान की प्रोफेसर (डा0) ऋतु करोली, द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य बताया कि डायबिटीज जिस प्रकार हमारे देश के हर घर में फैल रही है, उसका बचाव जीवन शैली व खानपान में परिवर्तन कर नियंत्रण किया जा सकता है।
आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डा0 अरविन्द सिंह, डा0 अमित कौशिक, डा0 मनीष राज कुलश्रेष्ठ, डा0 भुवन चन्द तिवारी, डा0 दिनकर कुलश्रेष्ठ, डा0 पी0के0 मौर्या, डा0 निखिल गुप्ता, डा0 मृदु सिंह, डा0 ज्योति वर्मा, डा0 ज्योति पंकज, डा0 पंकज वर्मा तथा डा0 अनिल उपाध्याय द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रोफेसर (डा0) विक्रम सिंह द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथिगण व सहयोगियों का अभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया गया।