लखनऊ में चल रहा है श्रीमद् भागवत कथा का संगम:पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज
Confluence of Shrimad Bhagwat Katha is going on in Lucknow: Pundarik Goswami Ji Maharaj
Tue, 21 Jan 2025

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।श्रीमद् भागवत राधारमण के दूसरे दिन श्रीमन् पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज के श्रीमुख से अम्रत वाणी से आज प्रयाग में चल रहे संगम की बात कहते हुए कहा कि लखनऊ में भी संगम ही चल रहा है यह संगम श्रीमद् भागवत का है जिसमें गंगा यमुना सरस्वती तीनों समायी हुई है प्रयाग में कुछ ही तिथियां महत्वपूर्ण है परन्तु यहां 7तिथियों तक अम्रत वर्षा होती रहेगी।
प्रेम सेवा यह सब भाव भक्ति के है ठाकुर जी की सेवा करना बहुत सरल है परन्तु बृन्दावन जाकर ठाकुर जी को लेकर आ जाते है परन्तु उनकी सेवा करनी चाहिए जिस तरह से एक बालक की सेवा की जाती है भगवान जन्म नहीं लेते है परन्तु ऐसा नहीं है भगवान जन्म नहीं ले सकते है भगवान को जन्म देने वाला तैयार हो जैसे मथुरा में यसोदा नन्दजी ने जन्म लेकर ठाकुर जी को जन्म दिया। हमारे भारतवर्ष में तमाम महापुरूष हुए है जिसमें हमारी मीराबाई भी है जिन्होंने जहर पीकर भी श्याम का साथ नहीं छोड़ा यह सच्चा प्रेम है। किसी भी वस्तु को अपने में विभाजित करेंगे वह माया है इसको जीतना हो तो यह उसका है इस जगह का 7दिन सुख लेना है इसी तरह इस प्रथ्वी लोक पर कुछ दिन बाद सभी का तम्बू उखड़ कर जाने वाले है यह न मेरा है न तेरा है। हमारे राधारमण जी अपनी बंसुरी से सभी के अंधकार को दूर करते है।बृज में एक पं. बाबा रहते है जिनकी जटा बहुत बड़ी बड़ी थी एक दिन कुंज से होकर गुजर रहे थे तो उनकी जटा कुंज में फस गयी तो और संत ने कहा कि हम निकाल दें परन्तु बाबा ने मना कर दिया जिसने फसाया है उसी ने निकालेगा खड़े खड़े बहुत दिन हो गये तब ठाकुर जी ने पहुंच कर कहा कि हम छोड़ा दे परन्तु कहा कि आप कौन है कहा कि जिसको आप बुला रहें है कहा हम नहीं मानते है ठाकुर जी ने यसोदा मईया को बुुला कर लाये परन्तु नहीं माने जब राधा को बुला कर लाये तब माना क्योंकि उन्हें राधारमण के दर्शन करने थे।3 श्लोकों में भागवत का मंगलाचरण हुआ है भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय, 12स्कन्ध में श्रीमद् भागवत कथा विष्णू के लीला अवतारों का वर्णन है। शुकदेव जी भागवत कथा को सुनकर जब घर वापस आये तो उसे आत्मसात किया विधा की प्राप्ति गुरू के बिना नहीं हो सकती है भागवत एक कथा है कथा ज्ञान नहीं है विधा है। कृष्ण के लिए सबसे बड़ा प्रेम होता है जो भक्त प्रतिज्ञा करता है वहीं भगवान की प्रतिज्ञा होती है। महाभारत के युद्ध को प्रंसग सुनाया जिसमें भीष्मपितामः एवं कृष्ण का वर्णन किया। सुमिरन,सत्संग, सेवा एक स्थिति के तीन प्रवाह है। आज पण्डाल में भाव का जाम लग गया है। राधारमण लाल की जयकारों से पण्डाल गूंज उठा। सभी भक्त राधा संर्कीतन में लीन होकर गाया।
आरती की साथ कथा का समापन किया गया।
पूरा पण्डार राधामय भजनों गुंजता रहा महाराज जी के साथ गुनगुनाते रहे, सभी भक्त मंत्रमुग्ध होकर सुना। आयोजक अमरनाथ मिश्र ने बताया कि हजारों की संख्या में भक्त कथा प्रारम्भ होने से पहले पण्डाल में बैठ गये भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।
आज की कथा में मुख्य रूप से विधायक नीरज बोरा आयोजक अमरनाथ मिश्र, लोकेश अग्रवाल, नवीन गुप्ता, शिवम बंसल, आनन्द रस्तोगी, राहुल गुप्ता सुनील मिश्र, मनोज राय, कुश मिश्रा, अनुराग मिश्र, चारू मिश्रा, आदि के साथ हजारों राधारमन भक्त उपस्थित रहे।