Congress Manifesto : कांग्रेस का चुनावी मैनिफेस्टो जारी, जानिए 'न्याय पत्र' में आपके लिए क्या है?

क्या है कांग्रेस के चुनावी मैनिफेस्टो
दरअसल, भाजपा जैसी बड़ी पार्टी के सामने लड़खड़ाती कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम है. कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी रैलियों के दौरान जनमानस से कई वादे किए हैं. पार्टी उन वादों को अब अपने घोषणापत्र (Congress Election Manifesto) में शामिल कर चुकी है. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र को न्याय पत्र नाम दिया है. पार्टी के इस घोषणापत्र में गरीब तबके से युवा वर्ग के लिए कई योजनाओं को शामिल किया गया है.
पार्टी ने 48 पन्नों के न्याय पत्र में 10 बातों पर जोर दिया है. यह घोषणा पत्र पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में तैयार किया गया. आगामी चुनाव के लिए 'न्याय पत्र' (Nyay Patra) जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान न्याय के पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया था. इनमें युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गईं थीं. पार्टी ने इन्हीं स्तम्भों के आधार पर घोषणापत्र तैयार किया है.
न्याय पत्र में किसके लिए क्या?
1. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने वादा किया है कि सरकार बनने पर राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना कराई जाएगी.
2. वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50% का कैप हटाया जाएगा।
3. वहीं, शिक्षा एवं नौकरियों के क्षेत्र में, पार्टी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू करेगी.
4. सरकारी विभाग में अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के अंदर भर दिया जाएगा.
5. कांग्रेस की सरकार बनने पर सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में कॉन्ट्रैक्ट की जगह नियमित भर्तियां होंगी. वहीं, जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण किया जाएगा.
6. पार्टी भूमिहीनों को जमीन भी मुहैया करवाएगी.
7. पार्टी LGBTQIA+ समुदाय से संबंधित जोड़ों के बीच सिविल यूनियनों को मान्यता देने के लिए एक नया कानून भी लाएगी.
संकटों से जूझती कांग्रेस पार्टी
बताते चलें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हार, साल 2019 के आम चुनाव में हार और राज्य विधानसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस की स्थिति बेहद नाजुक है. कांग्रेस की परेशानी बस इतनी- सी नहीं है. आए दिन पार्टी के कुछ नेता पार्टी की सदस्यता छोड़ रहे हैं. इसमें गौरव वल्लभ जैसे दिग्गज नेता का भी नाम शामिल है, जिन्होंने हाल ही कांग्रेस छोड़ भाजपा से हाथ मिला लिया है. अब देखना यह होगा कि पार्टी इन सब चुनौतियों के बावजूद क्या मेनिफेस्टो के दम पर कैसे जनता के बीच अपनी लोकप्रियता वापस पा सकती है.