एआई गवर्नेंस के महत्व पर डेवलपर्स और इम्प्लिमेंटर्स को मिली नई दिशा

Developers and implementers get new direction on the importance of AI governance
 
Developers and implementers get new direction on the importance of AI governance
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).लखनऊ विश्वविद्यालय में अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के प्लेसमेंट सेल और कोडिंग क्लब के सहयोग से "इम्पोर्टेन्स ऑफ़ एआई गवर्नेंस फॉर डेवलपर्स एंड इंप्लीमेंटर्स" विषय पर वेबीनार का आयोजन हुआ। इस वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को एआई के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के बारे में जानकारी देना था|


वेबिनार के मुख्य वक्ता गेट ग्लोबल इंटरनेशनल यूएसए के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मार्सियो कॉट्स ने अपने विचार साझा किए, जिनके अनुभव और गहन ज्ञान से इस महत्वपूर्ण विषय पर कई नए दृष्टिकोण प्राप्त हुए।श्री कॉट्स ने वेबिनार की शुरुआत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विकास में हो रही तीव्र प्रगति और इसके प्रभावों के संदर्भ में की, जहाँ उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस गवर्नेंस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का विकास और उसका व्यावसायिक एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में अनुप्रयोग लगातार बढ़ रहा है, जिससे इसके प्रभाव को सही दिशा में नियंत्रित करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।


आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस गवर्नेंस के संदर्भ में श्री कॉट्स ने चार प्रमुख स्तंभों पर प्रकाश डाला—नैतिकता, पारदर्शिता, गोपनीयता, और उत्तरदायित्व। उन्होंने इन स्तंभों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे इन मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए एक मजबूत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इकोसिस्टम का निर्माण किया जा सकता है। उनके अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विकास के दौरान नैतिकता को बनाए रखना, प्रणाली के कामकाज में पारदर्शिता लाना, उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का सम्मान करना और निर्णय प्रक्रिया में उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों को रोका जा सके और समाज में इसकी स्वीकृति को बढ़ावा दिया जा सके।

श्री कॉट्स ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विकास के संबंध में सरकारी नीतियों और औद्योगिक तथा शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को प्रभावी और जिम्मेदार बनाने के लिए इन सभी क्षेत्रों का आपसी सहयोग महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग में आने वाली कानूनी और सामाजिक चुनौतियों का भी उल्लेख किया, साथ ही यह भी बताया कि किस प्रकार का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शासन इन चुनौतियों का सामना करने में मददगार हो सकता है।  वेबिनार का सफल आयोजन डॉक्टर हिमांशु पांडेय के मार्गदर्शन में कोडिंग क्लब के स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर के द्वारा कराया गया।

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