शिक्षा संस्कार युक्त होनी चाहिए जिसे स्वाभाविक रूप से यह सरस्वती शिशु मंदिर पूरा कर रहे हैं
कार्यक्रम का शुभारंभ श्याम मनोहर शुक्ला संभाग निरीक्षक लखनऊ संभाग के द्वारा अतिथियों का परिचय व स्वागत के साथ किया गया इसी क्रम में सर्वप्रथम सरस्वती शिशु मंदिर संडीला की छात्राओं द्वारा नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो पर मनमोहक झांकी प्रस्तुत करते हुए नृत्य किया गया ,इसी श्रृंखला में सरस्वती शिशु मंदिर बिलग्राम के द्वारा गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया।
तत्पश्चात मिथिलेश जी प्रदेश निरीक्षक अवध प्रांत के द्वारा ज्ञान विज्ञान मेला एवं सांस्कृतिक महोत्सव कार्यक्रम में आए हुए कार्यक्रम की प्रस्तावकी रखी तत्पश्चात मुख्य अतिथि विधायिका रजनी तिवारी राज्य शिक्षा मन्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के समय में शिक्षा संस्कार युक्त होनी चाहिए जिसे स्वाभाविक रूप से यह सरस्वती शिशु मंदिर पूरा कर रहे हैं छात्रों का नव निर्माण कर विवेकानंद के रूप में हम सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं क्योंकि आधुनिक समय में शिक्षा के साथ-साथ अगर देखे जो संस्कार मिलते हैं वह सरस्वती शिशु मंदिर में ही देखने को मिलते हैं
धर्मवीर सिंह पन्ने ब्लॉक प्रमुख अहिरौरी ने कहा कि शिक्षा व साधन है जिसके द्वारा व्यक्ति कठिन समय में अपना रास्ता स्वयं निकल सकता है तथा अपना मार्ग प्रशस्त कर सकता है साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय अपनी शिक्षा की गुणवत्ता के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका अदा करने के कारण जनपद में ही नहीं विश्वविद्यालय में अग्रणी भूमिका रखता है इसके पश्चात डॉक्टर सुशील चंद्र त्रिवेदी मधुपेश ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं की सराहना की उन्होंने कहा कि जिस संकल्प के साथ इस संस्था की नींव रखी गई थी वह साकार होता नजर आ रहा है और क्षेत्र के सभी छात्र-छात्राएं शिक्षित होकर जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहे हैं इसके साथ ही मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सुशील मिश्रा प्रबंधक ग्रामोदय डिग्री कॉलेज डिघिया ,रणवीर जी संभाग निरीक्षक सीतापुर संभाग, देवेंद्र सिंह प्रधानाचार्य सरस्वती शिशु मंदिर पाली आदि उपस्थित रहे मंच संचालन कैलाश चंद्र वर्मा संभाग निरीक्षक श्रावस्ती व नरोत्तम वर्मा जी ने किया।