गोस्वामी श्री तुलसीदास की वास्तविक जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा को विकसित करना चाहिए: स्वामी भगवदाचार्य
राज्य सरकार ने चित्रकूट के पास राजापुर गाँव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 21 करोड़ रूपये स्वीकृत
इस विषय में अब कोई संदेह नहीं है, फिर भी कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा गोस्वामी जी का जन्म स्थान चित्रकूट के पास राजापुर गाँव में होना प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है। अभी अमर उजाला लखनऊ समाचार पत्र दिनांक 01 जनवरी 2024 को प्रकाशित खबर के अनुसार राज्य सरकार ने चित्रकूट के पास राजापुर गाँव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 21 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिये हैं तथा सरकार ने इसके लिए 4.5 करोड रूपये जारी भी कर दिये हैं।
राज्य सरकार को किसी भी स्थान को विकसित करने का पूरा अधिकार है परन्तु विश्व के सबसे बड़े संत एवं साहित्यकार की जन्मभूमि के बारे में झूठे प्रचार को बल देने से बचना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार अपने निर्णय पर विचार करेगी। इस सम्बन्ध में यह भी निवेदन है कि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि गोण्डा जिले के राजापुर में है। यह स्थान भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या के समीप है.
इस बात की पुष्टि स्वयं गोस्वामी तुलसीदास ने किया है। उन्होंने कहा है कि "राजा मेरे राजाराम अवध शहर है।" और यह भी कहा है कि "तुलसी तिहारो घर जायो है।" यह स्थान अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा में भी सम्मिलित है। राज्य सरकार ने पहले भी चित्रकूट राजापुर के विकास के लिए 25 लाख रूपये मंजूर किया था, परन्तु जब क्षेत्र के लोगों ने तत्कालीन राज्यपाल श्री मोतीलाल बोरा को तथ्यों से अवगत कराया तो राज्य सरकार ने 25 लाख रूपये की मंजूरी बापस ले ली थी। इसके बाद भी सरकार ने पुनः चित्रकूट राजापुर के लिए इतनी बड़ी राशि कैसे मंजूर कर दी।
सरकार को यह भी विदित होना चाहिए कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मा० श्रीपति मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री मा० श्री अखिलेश यादव और विधानसभा के अध्यक्ष श्री केसरीनाथ त्रिपाठी भी इस बात से सहमत थे कि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म गोण्डा जिले के राजापुर गांव में हुआ था। अन्तर्राष्ट्रीय सिद्ध सन्त परमपूज्य श्री देवराहा बाबा ने तुलसी जन्मभूमि राजापुर बांदा को गलत प्रचार के लिए तत्कालीन लो०नि०वि० के मन्त्री मा० श्री चतर्भुज शर्मा को मना कर दिया था, यह बात उन्हीं के शिष्य जगदगुरू रामानुजाचार्य श्री पुरूषोत्तमाचार्य जी ने अयोध्या में कई बार व्यक्त किये हैं।आपके संज्ञान में लाना है कि चित्रकूट के पास राजापुर गांव का नाम विक्रमपुर था जिसे सम्वत् 1813 में हिन्दूपत ने विक्रमपुर को राजापुर कराया। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि इस सम्बन्ध में विचार करके गोस्वामी श्री तुलसीदास की वास्तविक जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा को विकसित करना चाहिए ताकि तुलसी जन्मभूमि के सम्बन्ध में भावी पीढियाँ दिग्भ्रमित न हो सकें।
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय