बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी में भव्य विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन, नवीन आविष्कारों को मिली दिशा

प्रदर्शनी का शुभारम्भ और अवलोकन
प्रदर्शनी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश कुमार (मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी, लखनऊ मण्डल), विद्यालय प्रबंध निदेशक एच.एन. जायसवाल, कोआर्डिनेटर सुधीर मिश्रा और प्रधानाचार्या डॉ. अनूप कुमारी शुक्ला द्वारा माँ सरस्वती के पूजन एवं वंदन के साथ किया गया।
प्रदर्शनी में लगभग 300 छात्र-छात्राओं द्वारा 200 नवीन एवं सामाजिक ज्वलंत समस्याओं के निवारण पर आधारित वर्किंग मॉडल, टीएलएम (शिक्षण-अधिगम सामग्री) और स्थिर मॉडल प्रस्तुत किए गए। मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश कुमार ने प्रत्येक मॉडल का बारीकी से अवलोकन किया और छात्र-छात्राओं से मॉडल-आधारित प्रश्न पूछे, जिससे बच्चों की सोच और आविष्कार को और अधिक बल एवं दिशा प्राप्त हुई।
विजेता मॉडल
| वर्ग | स्थान | मॉडल का नाम | छात्र/छात्रा का नाम | मुख्य विशेषता |
| सीनियर ग्रुप | प्रथम | प्लेन एण्टी क्रैश डिवाइस | कार्तिकेय मिश्रा, अरसलान | इमरजेंसी में प्लेन का मैकेनिकल सिस्टम बंद होने पर वाटर कैनन गन द्वारा अतिरिक्त थ्रस्ट, दिशा परिवर्तन और सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग से जनहानि को अत्यधिक कम करना। |
| सीनियर ग्रुप | द्वितीय | गति के प्रकारों पर आधारित टी.एल.एम. | वैष्णवी | कक्षा में बच्चों को गति के प्रकारों को आसानी से समझाने की उपयोगिता। |
| सीनियर ग्रुप | तृतीय | फार्मर सेफ्टी गन फ्राॅम वाइल्ड एनिमल | रितेश चैहान, सुधान्शु | सुरक्षित कार्बाइड गन से कम कीमत पर तेज फायर करके खेतों से जंगली जानवरों को भगाना, जिससे जान-माल की हानि न हो। |
| जूनियर ग्रुप | प्रथम | ऑटोमैटिक वाटर डिस्पेंसर | दक्ष राजपूत, अरनव तिवारी | बर्तन के आयतन के अनुसार स्वतः, स्वच्छता पूर्ण ढंग से पानी भरने की मशीन। |
| जूनियर ग्रुप | द्वितीय | समांगी एवं विषमांगी मिश्रण निर्माण मॉडल | रोशनी मौर्या | कक्षा में मिश्रण के निर्माण को आसानी से प्रदर्शित करने का मॉडल। |
| जूनियर ग्रुप | तृतीय | वर्किंग मॉडल आॅफ हिंग जॉइंट | आद्या शुक्ला, इशिता पाल | - |
इसके अलावा, अमीबा मॉडल, डीएनए, सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण, न्यूटन श्वेत प्रकाश पृथक्करण डिस्क, मानव हृदय, पेरिस्कोप और थ्री डी होलोग्राम जैसे अन्य मॉडलों की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।
मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी नवीन सोच किसी दिन बहुत बड़ा आकार लेकर समाज में परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने कहा, "किसी चीज को जान लेना अपनी जगह है, जबकि उसको समझ कर प्रयोग करना सोचने वाले की श्रेष्ठता का प्रतीक है।" उन्होंने बताया कि पुरस्कार या स्थान मॉडल के पीछे बच्चों की वैज्ञानिक सोच को दर्शाता है। जूनियर एवं सीनियर वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के साथ-साथ पाँच अन्य स्थानों पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को नकद धनराशि प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
