Hathras Wale Baba Kaun Hai : कौन हैं भोले बाबा, जिनके दरबार में लगती है लाखों की भीड़?
Hathras Accident
Bhole Baba Hathras Caste
Bhole Baba Biography in Hindi
हाथरस जिले के फुलरई गांव में जहां नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब सत्संग का समापन हो रहा था। हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों में भगदड़ उस समय मच गई जब लोग बाबा के चरण धूल लेने लेने के लिए उनके पीछे भागने लगे। वहीँ इस घटना के बाद से, जो बाबा हैं वो गायब हो चुके हैं. और उसके बाद से ही ये बाबा limelight में आ गए, की आखिर ये कौन हैं, इनका बैकग्राउंड क्या है, और कब से ये, इस धर्म की राह पर हैं.. तो चलिए जानते हैं इन बाबा का सच...
कौन हैं वो बाबा, जिनके सत्संग में हुआ दर्दनाक हादसा?
अगर हम बात करे इन भोले बाबा की तो इनका असली नाम सूरज पाल है। बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली तहसील के बहादुर गांव में हुआ था। दावा किया जाता है कि बाबा पहले इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम करते थे, तो वही कुछ लोग उन्हें यूपी पुलिस में कांस्टेबल भी बताते हैं। लोग बताते है कि 26 साल पहले, बाबा ने सरकारी नौकरी छोड़कर धार्मिक प्रवचन करना शुरू किया। आज बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
बता दें की बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते हैं। अधिकतर वह महंगे गॉगल, सफेद पैंट शर्ट पहनते हैं। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित आदि शामिल हैं। जिन्हें बाबा का पहनावा और रूप बड़ा लुभाता है। वहीँ इन भोले बाबा की अपनी एक फौज भी है, जो उनके सभी कार्यक्रमों में ट्रैफिक व्यवस्था, पानी और अन्य जरूरी इंतजाम देखती है। बाबा के अनुयायी मानते हैं कि उनके सत्संग में बांटा जाने वाला पानी चमत्कारी है। पटियाली तहसील के बहादुर नगर गांव में स्थित उनके आश्रम में भी दरबार लगता है, बाबा के सत्संग में वीडियो बनाने की सख्त मनाही है।
भोले बाबा के दरबार के नियम।
अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसका फोन छीन लिया जाता है।" और सोशल मीडिया के इस दौर में, बाबा का कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है। उनके अनुयायी मानते हैं कि बाबा का जमीनी स्तर पर खासा प्रभाव है और उनका सत्संग सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। तो दोस्तों, यह थी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा और हाथरस के फुलरई गांव में हुई भयानक घटना की सच्चाई।