हिंदी है भारत की आशा, हिंदी है भारत की भाषा
जिसमें बच्चों ने बढ़कर का प्रतिभाग किया। खास बात यह रही की हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए शिक्षिकाओं ने भी सुलेख प्रतियोगिता में भाग लेकर सभी से हिंदी को अपने जीवन में उतरने की अपील की।इस अवसर पर विद्यालय के व्यवस्थापक अखिलेश सिंह ने हिंदी दिवस के अवसर पर बताते हुए कहा है कि हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि एक भाव है
जिसके जरिए पूरा देश एक- दूसरे से जुड़ा हुआ है । इसकी वजह से पूरा भारत एक सूत्र में बंधा हुआ है ऐसे में हर कोई अपनी आन- बान और शान हिंदी भाषा को समर्पित इस दिन का जश्न मान रहा है तथा अपने शब्दों को कुछ पंक्तियों के माध्यम से बताते हुए कहा है कि हिंदी पढ़ना और पढ़ना हमारा कर्तव्य है उसे हम सबको अपनाना है। प्रबंधक मुकेश सिंह ने बताते हुए कहा कि १४ सितंबर १९४९ को भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था ।इस दिन हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता दी गई थी साथ ही से आधिकारिक भाषा भी घोषित किया गया था।
हिंदी दिवस के अवसर पर विद्यालय में आयोजित सुलेख प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान आयुषी वर्मा , द्वितीय स्थान अवंतिका सिंह तथा तृतीय स्थान काव्य शुक्ला ने प्राप्त किया । सीनियर वर्ग में शिवांशी वर्मा ने प्रथम स्थान , जिज्ञासा ने द्वितीय स्थान तथा हर्षिता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । स्लोगन प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में अंशिका सिंह प्रथम स्थान, अनन्या गुप्ता द्वितीय स्थान तथा समृद्धि तृतीय स्थान पर रहीं।
सीनियर वर्ग में अनुकर्ष पाल प्रथम स्थान , शिवांशी व शिवांगी द्वितीय स्थान तथा अदिति तृतीय स्थान पर रहीं।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य लक्ष्मी देवी शिक्षिका कविता गुप्ता, अर्पिता सिंह , विनीता त्रिवेदी ,नीलम राठौर ,ऐश्वर्या सिंह, , शशिबाला, पूनम सिंह,पूजा सिंह,आकांक्षा गुप्ता ,आरती वर्मा , क्षमा सिंह,रिचा मिश्रा,प्रज्ञा द्विवेदी, शिक्षक रामप्रकाश पांडेय, अशोक कुमार गुप्ता , उदय शुक्ला, देवेश प्रसाद आदि मौजूद रहे । सरस्वती सदन में भी हिंदी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।