प्रसादम् पर राजनीति,आस्था से खिलवाड़ कब तक? 

Politics on Prasadam, how long will this tampering with faith continue?
Politics on Prasadam, how long will this tampering with faith continue?

(राकेश अचल-विभूति फीचर्स)  हमारे देश के नेता राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं । वे तिरुपति के प्रसादम् के लड्डुओं का भी राजनीतिक इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रसादम के लड्डुओं में चर्बी के इस्तेमाल का मुद्दा भाजपा की सहयोगी टीडीपी ने उठाया। टीडीपी की सरकार ने ही लड्डुओं की जाँच एक प्रयोगशाला में कराई जिससे राजनीति में उबाल आ गया।

लड्डू पॉलटिक्स के मामले में फांसी और सीबीआई जांच तक की मांग हो गई है।दरअसल, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार पर मंदिर के प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का आरोप लगाया है और तभी से यह विवाद जारी है। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष और आंध्र के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने नायडू पर पलटवार करते हुए कहा है कि अपनी सरकार के 100 दिन की नाकामी छुपाने के लिए चंद्रबाबू नायडू भगवान के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनके सभी आरोप निराधार हैं। अब इस मामले में देश भर के संतों में भी नाराजगी देखी जा रही है। संत कह रहे हैं कि आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते।


आप भी जानते हैं और हम भी कि इस देश में जब इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के हत्यारों को फांसी नहीं हो पाती तो लड्डुओं में चर्बी और मछली का तेल मिलाने वालों को क्या ख़ाक फांसी होगी ? हाँ ये तय है कि इस मुद्दे पर अब पोलिटिक्स भरपूर होगी ,क्योंकि टीटीडी यानि तिरुपति देवस्थानम के पास अकूत सम्पत्ति है।आंध्रप्रदेश की हर सत्ता इस सम्पत्ति का उपभोग करना चाहती है।लड्डू तो एक बहाना भर हैं। आंध्र प्रदेश में सत्ता बदलते ही 12 जून को तिरुपति मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की जांच के नमूने लिए गए थे।

जांच रिपोर्ट 23 जून तक तैयार हो गई, लेकिन खुलासा सितंबर में हुआ जब नायडू सरकार के 100 दिन पूरे हुए। जो रिपोर्ट सामने आई उसमें लड्डू बनाने वाले घी में जो चीजें पाई गई थीं,वो बताती थी कि इसमें गाय के शुद्ध घी की जगह अन्य तिलहन और वस्पतियों के अलावा मछली के तेल और अन्य जानवरों की चर्बी हो सकती है। ये जांच नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड यानी एनडीडीबी के सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड यानी सीएएलएफ लैब में कराई गई थी।

इस सबको जाने दीजिये,क्योंकि लड्डू तो एक बहाना हैं  लेकिन असल बात ये है कि देश के राजनीतिक दलों के पास जितना पैसा था और है और आगे होगा उससे कई गुना पैसा तिरुपति के बालाजी भगवान के पास है।तिरुपति के बालाजी भगवान को ये अकूत दौलत देश के अमीर -गरीब भक्तों  ने  उन्हें स्वेच्छा से भेंट की  है। साल 2023 में 773 करोड़ की कीमत का एक हजार 31 किलो सोना भगवान वेंकटेश को चढ़ाया गया।इतना ही नहीं, बालाजी मंदिर का बैंकों में 11 हजार 329 किलो सोना जमा है। मंदिर के नाम से 13 हजार 287 करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट किया गया है।अप्रैल 2024 तक 18 हजार 817 करोड़ रुपए मंदिर के नाम से बैंक में जमा हो चुका है। टीटी डी ट्रस्ट बोर्ड ने 2024-2025 के लिए कुल 5 हजार 141.74 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है. ये पहली बार है, जब मंदिर का वार्षिक बजट 5,000 करोड़ रुपये के आंकड़े  को पार कर गया  है।

लड्डू पोलिटिक्स के जरिये टीडीपी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को निबटना चाहती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और प्रसाद की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जेपी नड्डा ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। सवाल ये है कि क्या  इस मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप का अधिकार है ? हर मामले में बिना बोले न रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर दी है। वहीं,कांग्रेस ने सीएम नायडू पर सवाल खड़े किए हैं कि तीन महीने तक सीएम ने खुलासा क्यों नहीं किया। अब कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है ।  

गुजरात की अमूल कम्पनी ने इस मामले में अपना नाम आते ही सफाई दी है कि अमूल ने कभी भी टीटीडी को घी की आपूर्ति नहीं की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तिरुपति के लड्डू से जुड़े मामले पर चिंता जताई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि पूरे देश में प्रशासन को धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के अपवित्र होने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनियाभर में लाखों श्रद्धालुओं के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर श्रद्धालु को आहत करेगा और इस पर गहराई से विचार करने की जरूरत है।

सवाल ये है कि इस लड्डू पॉलटिक्स का अंत क्या होगा ? क्या जगनमोहन रेड्डी जेल जायेंगे ? क्या विपक्षी गठबंधन पर इन लड्डुओं के बहाने देश में हो रहे विधानसभा चुनावों में हमले किये जायेंगे ? या सचमुच देश की जनता की आस्थाओं और जन स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ को रोकने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर कोई कार्रवाई की जाएगी ? मुमकिन है कि मामले का लाभ लेने के लिए राज्य सरकार इस मामले की सीबीआई जाँच के लिए अपनी सहयोगी केंद्र सरकार को खत लिख दे।मुमकिन है कि केंद्र सरकार इस मामले के दोषियों को जेल भेजने की तैयारी करे ,

लेकिन कोई भी इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि भविष्य में प्रसादम् के लड्डूओं में किसी चर्बी या मछली के तेल युक्त देशी घी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।टीटीडी के पास इतनी दौलत है कि वो चाहे तो अपने स्तर पर ही घी,बेसन,मेवों की जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की लैब स्थापित कर ले ,लेकिन ऐसा शायद ही हो ,क्योंकि उसने भी सब कुछ भगवान व्यंकटेश के भरोसे छोड़ दिया है।होगा वही जो पॉलटिक्स तय करेगी।भगवान और भक्त इसमें कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हमारे देश में प्रसादम में चर्बी युक्त घी सप्लाई करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना कठिन है।

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