इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ने मनाया रॉयल चार्टर दिवस
और संस्थान के इतिहास में रॉयल चार्टर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के बाद पुनर्वास प्रयासों में भारतीय इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों की भूमिका पर जोर दिया, जिसके कारण 1920 में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया की स्थापना हुई।
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) देश की एकमात्र तकनीकी संस्था है जिसे ब्रिटिश काल में रॉयल चार्टर सम्मान मिला है, जो अब भारत के संविधान के अनुच्छेद 372 के तहत संरक्षित है। संस्था इंजीनियरिंग विज्ञान के विकास और इंजीनियरों को एक सामाजिक संगठन में बांधने के लिए प्रयासरत है।
पूर्व अध्यक्ष और संयोजक मसर्रत नूर खान ने संस्थान के इतिहास और भारत में इंजीनियरिंग विज्ञान के विकास में इसके योगदान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्घाटन 1921 में तत्कालीन वायसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने किया था।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, उसके बाद कौंसिल मेंबर और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीबी सिंह अपने विचार रखे और मानद सचिव वीपी सिंह इस अवसर पर विभिन्न इंजीनियरिंग पेशेवरों के प्रतिभागियों और सम्मानित अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।