भारत की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को विकास की दिशा में ले जाने का कार्य युवाओं का है 

It is the responsibility of the youth to take India's historical and cultural heritage towards development
It is the responsibility of the youth to take India's historical and cultural heritage towards development
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय). नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर,  लखनऊ का सभागार 14 दिसंबर 2024 को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का एक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था I जहां महाविद्यालय की 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग द्वारा कमांडिंग आफिसर कर्नल दीपक कुमार के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय की अध्यक्षता तथा एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ.)मनमीत कौर सोढ़ी के संयोजन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया- 1857-एक वीर गाथा I  19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन से नायब सूबेदार इलियास शेख, हवलदार शैलेंद्र कुमार तथा हवलदार आर.के.साहू उपस्थित हुए जिन्हें प्राचार्य ने पौध देकर सम्मानित किया I


कार्यक्रम में 1857 की क्रांति के दौरान देश के शूरवीरों ने किस प्रकार से ब्रिटिश हुकूमत के छक्के छुड़ाते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर किया I इसका प्रदर्शन कैडेट सृष्टि नायक, प्रीति कुमारी, बुशरा हमीद, अरुंधति यादव, भूमिका पुनेठा, रजनी और खुशी निषाद ने रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बेगम हजरत महल, मंगल पांडे, कुंवर सिंह के साथ-साथ सरदार भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद का रूप धारण कर नाटिका के माध्यम से किया I कैडेट अंडर ऑफिसर सोनल सिंह ने सूत्रधार की भूमिका निभाते हुए बताया कि 1857 भारत की स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण अध्याय था,जिसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है I जो ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भारतीय परंपराओं के प्रति अनादर, आर्थिक शोषण, धार्मिक कारण ऑन अंग्रेजों के विस्तारवादी नीति के प्रति आक्रोश से प्रेरित था यद्यपि यह विद्रोह वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहा लेकिन इसने एकता और प्रतिरोध की भावना को प्रज्वलित किया जिसने भारत के स्वाधीनता संग्राम में एक जुट होकर आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह विद्रोह भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अंत का कारण बना I
प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कैडेट्स के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम में प्रतिभा गीता से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह प्रेरणादाई व्यक्तित्व से परिचित भी होते हैं I उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को विकास की दिशा में ले जाने का कार्य युवाओं का है I रानी लक्ष्मी बाई और बेगम हजरत महल का व्यक्तित्व महिला सशक्तिकरण का साक्षात उदाहरण है I युवा छात्राओं को अपनी शक्तियों की पहचान करते हुए निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करना होगा I 

मेजर (डॉ.)मनमीत कौर सोढ़ी के अनुसार वर्तमान की पीढ़ी को अतीत के सुनहरे इतिहास से परिचित कराना अत्यंत आवश्यक है I आजादी के अमृत काल में हम सभी का दायित्व है कि देश के उन सभी वीर सपूतों से परिचित हो सके, जिन्होंने अपने देश की आन, बान और शान की खातिर अपने प्राणों तक को न्योछावर कर दिया I आज हम सभी का दायित्व है कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहे और अपने-अपने स्तर पर विकसित भारत के निर्माण में भूमिका का निर्माण पूर्ण निष्ठा के साथ करें I

कार्यक्रम में नवयुग कन्या इंटर कालेज की एनसीसी कैडेट्स तथा थर्ड ऑफिसर अर्चना महाविद्यालय से प्रो.ऋचा शुक्ला, प्रो.संगीता कोतवाल, डॉ.आभा दुबे, डॉ नेहा अग्रवाल, डॉ. अनुरिमा बनर्जी, डॉ सीमा सरकार, डॉ.नेहा यादव,अंडर ऑफिसर शिवानी पाल, गौरवी यादव, स्वीटी सिंह, पलक गुप्ता, अंजली बाजपेई, ललिता यादव समेत बड़ी संख्या में प्रवक्ता एनसीसी कैडेट्स उपस्थित रहे I 
राष्ट्रगान और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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