आओ मिलकर हम शपथ लेते है, जल बचाने की
दिनांक 16 से 22 जुलाई तक आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओ जिसमें लगभग 07 विद्यालयों एवं दो संस्थानों के 1000 विद्यार्थियों ने चित्रकला, पोस्टर, प्रश्नोत्तरी, व्याख्यान, स्मारक भ्रमण एवं पौधारोपण में प्रतिभाग लिया। उक्त प्रतियोगिता के विजेताओं को क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र का वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रवींद्र कुमार आईएएस., विशेष सचिव, संस्कृति विभाग ने किया। कार्यक्रम में लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”।
जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पेयजल की अनुपलब्धता और संबंधित ढेरों समस्याओं को जानने के बावजूद देश की बड़ी आबादी जल संरक्षण के प्रति सचेत नहीं है। जहां लोगों को मुश्किल से पानी मिलता है, वहां लोग जल की महत्ता को समझ रहे हैं, लेकिन जिसे बिना किसी परेशानी के जल मिल रहा है, वे ही बेपरवाह नजर आ रहे हैं। आज भी शहरों में फर्श चमकाने, गाड़ी धोने और गैर-जरुरी कार्यों में पानी को निर्ममतापूर्वक बहाया जाता है। इसलिए जल बचाने की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी।
इस अवसर पर विभाग की निदेशक ने भी भूजल को बचाने के लिए विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आओ मिलकर हम शपथ लेते है, जल बचाने की।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संक्षित परिचय एवं धन्यवाद ज्ञापन राजीव कुमार त्रिवेदी ने किया और मंच संचालन डॉ0 कृष्ण मोहन दुबे ने किया । कार्यक्रम में जनता इन्टर कॉलेज, श्री सिद्धनाथ इंटर कॉलेज, सुभाषचंद्र बोस पब्लिक स्कूल ( सभी काकोरी ब्लॉक) पूर्व माध्यमिक विद्यालय, हुलासखेड़ा, मोहनलालगंज, सिमरन सेवा संस्थान तथा शिव देवी एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के बच्चों सहित प्रधानाचार्य, शिक्षकगण एवं विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।