शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रगति का आधार होते हैं पुस्तकालय - उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्य अतिथि के रूप में शुक्रवार को गौतम बुद्ध नगर स्थित गलगोटिया विश्वविद्यालय में 12वें अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय और सूचना पेशेवर सम्मेलन का शुभारंभ किया। यह सम्मेलन गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत राजा राममोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन के समर्थन से आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए पुस्तकालयों को शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रगति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का हृदय होते हैं। डिजिटल युग में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि वे ज्ञान के संरक्षण और प्रसार का एक प्रमुख माध्यम हैं।
मंत्री उपाध्याय ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां वैश्विक विशेषज्ञ, शोधकर्ता और विचारक विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने इस आयोजन को भारत की शिक्षा और ज्ञान प्रबंधन प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली और किफायती शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में किए जा रहे निरंतर प्रयासों को सराहा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने भारत सरकार की One Nation, One Subscription (ONOS) पहल की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने इसे डिजिटल संसाधनों की व्यापक और सुलभ पहुंच सुनिश्चित करने वाला एक क्रांतिकारी कदम बताया। उनका मानना है कि इस तरह की पहल शिक्षा और शोध के क्षेत्र में समानता लाने में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने पुस्तकालयों की बदलती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल युग ने पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में नई चुनौतियों और अवसरों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियां पुस्तकालयों के लिए न केवल नए द्वार खोल रही हैं, बल्कि यह शिक्षा के परिदृश्य को भी नया स्वरूप दे रही हैं।
इस वर्ष सम्मेलन का विषय "पुस्तकालय विज्ञान में नवाचार: चुनौतियां और अवसर" है। यह विषय भारत सरकार की डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी परियोजनाओं के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से समर्पित है। तीन दिवसीय इस आयोजन में पुस्तकालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन तकनीक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), बिग डेटा एनालिटिक्स, नवाचार और शोध डेटा प्रबंधन जैसे आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर गहन चर्चा की जाएगी।
यह सम्मेलन पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, नवाचार और शोध पर चर्चा करने का एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा। इसमें शैक्षिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और उद्योग के विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन से प्राप्त विचार और सुझाव न केवल पुस्तकालयों की प्रगति में सहायक होंगे, बल्कि छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए नई संभावनाओं का सृजन करेंगे।