Congress Leaders Quite Party: लोकसभा चुनाव से पहले इन बड़े नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

Kitne Logon Ne Congress Party Ka Sath Chhoda?

When was Congress split?

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Congress Leaders Quite Party

पॉलिटिकल डेस्क, नई दिल्ली।

लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में चुनाव से पहले कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। एक तरफ राहुल गांधी देशभर में  भारत जोड़ों न्याय यात्रा कर रहे थे, दूसरी तरफ नेता हाथ का साथ छोड़ रहे थे। आइए जानते हैं किन बड़े नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ।

कितने लोगों ने कांग्रेस छोड़ी?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने 12 फरवरी को पार्टी छोड़ दी थी और अगले ही दिन यह खबर आई कि वह बीजेपी शामिल हो गए हैं‚ इतना ही नहीं‚ बीजेपी ने उन्हें पार्टी बदलने का गिफ्ट देते हुए महाराष्ट्र से ही राज्य सभा भेजने का फैसला किया। चव्हाण पहली बार 1987 में लोक सभा सांसद चुने गए थे। वह दूसरी बार 2014 में लोक सभा सांसद बने। अपने राजनीतिक कॅरियर में वह 2 बार सांसद और 4 बार विधायक रहे। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख सरकार में वह सांस्कृतिक मामलों‚ उद्योग‚ खान और प्रोटोकॉल मंत्री भी रहे। अशोक चव्हाण 8 दिसम्बर 2008 से 9 नवम्बर 2010 तक डेढ़ साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। उनका नाम आदर्श इमारत घोटाले में आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 2014 के लोक सभा चुनाव में जीत हासिल की। यहां तक कि वो महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाए गए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से की थी बगावत

पंजाब की सियासत में अहम भूमिका निभाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2012 सितम्बर में कांग्रेस का ‘हाथ छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता महाराजा यादवेंद्र सिंह पटियाला रियासत के अंतिम राजा थे। राज परिवार ताल्लुक रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना में भी सेवाएं दीं और 1965 के भारत–पाकिस्तान युद्ध में लड़े भी। 1980 के दशक में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर अमरिंदर सिंह ने राजनीति में कदम रखा था। 2014 के लोक सभा चुनाव में अमरिंदर सिंह ने अमृतसर से बीजेपी नेता अरु ण जेटली को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। कांग्रेस ने 2017 में पटियाला के महाराज पर दांव खेला और बाजी अपने पक्ष में कर ली। साढ़े चार साल के बाद पंजाब की सियासत ने करवट ली और कैप्टन को सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया था और उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया।

विजय बहुगुणा 2016 में बीजेपी शामिल हुए

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मई 2016 में बीजेपी का दामन थामा था। विजय बहुगुणा उत्तराखंड के 8 पूर्व विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए। जनवरी 2014 में विजय बहुगुणा ने इस्तीफा दिया था। उन्होंने मार्च 2012 से जनवरी 2014 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। विजय बहुगुणा की बहन उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। उनके पिता हेमवतीनंदन बहुगुणा का परिवार दशकों से कांग्रेस में रहा।

एसएम कृष्णा ने छोड़ा था ‘हाथ' का साथ

साल 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसएम कृष्णा ने 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी। एसम कृष्णा ने 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्यॉइन की थी। कृष्णा 1968 में पहली बार सांसद बने थे। वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी‚ दोनों के साथ काम कर चुके हैं। 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत दिलाई थी। कृष्णा महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं। हालांकि एसएम कृष्णा सक्रिय राजनीति संन्यास ले चुके हैं।

किरण कुमार रेड्डी ने पिछले साल छोड़ी पार्टी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने साल 2013 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। किरण कुमार रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री थे। रेड्डी ने इससे पहले 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के आंध्र प्रदेश को विभाजित करने और तेलंगाना बनाने के फैसले पर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उन्होंने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी जय समैक्य आंध् पार्टी बनाई थी‚ लेकिन 2018 में कांग्रेस में लौट आए थे। किरण कुमार रेड्डी ने पिछले साल बीजेपी का दामन थाम लिया था। 

पेमा खांडू 32 विधायक संग हुए थे बीजेपी में शामिल

अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी एक वक्त में कांग्रेसी नेता थे। दिसम्बर 2016  में पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के 32 विधायकों के साथ वो भाजपा में शामिल हुए थे। खांडू सरकार जुलाई‚ 2016 से सत्ता में है। पहले इस सरकार का नेतृत्व कांग्रेस कर रही थी‚ लेकिन खांडू और लगभग सभी कांग्रेस विधायक सितम्बर‚ 2016 में पीपीए में शामिल हो गए थे‚ लेकिन बाद में खांडू को अपनी सत्ता की स्थिति बनाए रखने की अनुमति मिली थी।

गुलाम नबी आजाद ने बनाई अपनी पार्टी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी रहे गुलाम नबी आजाद ने अगस्त‚ 2022 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से किनारा कर अपनी नई पार्टी बना ली है। गुलाम नबी आजाद 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े। 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वे पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोक सभा चुनाव जीते थे। उन्हें 1982 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। आजाद 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद रहे। वह 2004 में जम्मू कश्मीर के सीएम भी बने। साल 2008 में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था‚ इसके बाद आजाद की सरकार गिर गई थी।

नारायण राणे ने 2017 में छोड़ी कांग्रेस

कांग्रेस से दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने के क्रम में महाराष्ट्र के नेता नारायण राणे का नाम भी शामिल है। उन्होंने सितम्बर 2017 में कांग्रेस का साथ छोड़ा था। उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाया और 2017 में बीजेपी को समर्थन दिया था‚ लेकिन साल 2019 में राणे बीजेपी में शामिल हो गए थे। नारायण राणे का सियासी कॅरियर शिवसेना से शुरू हुआ था। 1999 में बाल ठाकरे ने नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था लेकिन 2005 में वे शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।

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