यूपी में औषधि नियंत्रण तंत्र का बड़ा सुधार, निरीक्षक दोगुने होंगे, अब भर्ती केवल लिखित परीक्षा से

भर्ती और जिला स्तर पर नए पद
मुख्यमंत्री ने जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:
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निरीक्षकों की संख्या में वृद्धि: वर्तमान में विभाग में 109 औषधि निरीक्षक कार्यरत हैं, जो राष्ट्रीय मानकों के अनुसार अपर्याप्त हैं। मुख्यमंत्री ने इनकी संख्या को वर्तमान के सापेक्ष दोगुना करने का निर्देश दिया है।
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भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता: औषधि निरीक्षकों के पदों पर चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए अब साक्षात्कार (Interview) को समाप्त कर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराई जाएगी।
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नया जिला पद: जिला स्तर पर कार्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 'जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी' का नया पद सृजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जनपदों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे जिला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जाँच व्यवस्था लागू हो सके।
उच्च संवर्ग का पुनर्गठन और जवाबदेही
बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के उच्च पदों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना है:
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पदों में वृद्धि: मुख्यमंत्री ने उपायुक्त (औषधि) के पदों की संख्या बढ़ाने और संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवा में संशोधन के प्रस्ताव को अपनी सहमति दी।
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औषधि नियंत्रक की योग्यता: उन्होंने विभाग में औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं और मानक तय करने का निर्देश दिया। साथ ही, तंत्र के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इस पद हेतु एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित करने को कहा।
मुख्यमंत्री का यह कदम प्रदेश की औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है।
