मैक्स हॉस्पिटल लखनऊ ने हृदय रोगों के प्रति जागरूकता के लिए "हार्ट हेल्थ फेयर" का किया आयोजन
इस कार्यक्रम में एक ज़ुम्बा सेशन का आयोजन हुआ, जिसमें लोग काफी उत्साह और जोश के साथ शामिल हुए। इसके अलावा, जीवन-रक्षक तकनीकों को सिखाने के लिए एक इंटरएक्टिव सीपीआर प्रशिक्षण बूथ भी स्थापित किया गया था। हेल्थ स्टॉल्स पर स्वस्थ हृदय के पोषण के लिए जानकारी देने के लिए विशेषज्ञ मौजूद थे। इस हार्ट हेल्थ फेयर में जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नकुल सिन्हा, डॉ. विजयंत देवनराज (कार्डियक सर्जन) और डॉ. अंबुकेश्वर सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने हृदय रोगों की बढ़ती समस्या के बारे में अपने विचार साझा किए।
डॉ. नकुल सिन्हा, चेयरमैन, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने कहा, "अब तक यही माना जाता था कि दिल की बीमारियाँ, खासकर कोरोनरी आर्टरी रोग, केवल बुजुर्गों को होती हैं। लेकिन अब यह धारणा बदल चुकी है। डायग्नोसिस के क्षेत्र में हुई तकनीकी उन्नति से पता चल रहा है कि दिल की ये बीमारियां अब छोटी उम्र के लोगों, यहाँ तक कि बच्चों और जवानों को भी हो रही हैं। ये बीमारियां अब आम हो गई हैं और तेजी से बड़ी आबादी को अपनी जकड़ में ले रही हैं। इसकी वजह हमारी खराब आदतें हैं, जैसे धूम्रपान और खराब खान-पान, जिनकी वजह से शुगर, ब्लड प्रेशर और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां हो रही हैं। ये दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बन रही हैं। इसके परिणामस्वरूप छोटी उम्र में ही लोगों को दिल का दौरा पड़ना आम बात हो गई है और कई मामलों में तो मौत तक हो जाती है।"
डॉ. विजयंत देवेनराज, डायरेक्टर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट, कार्डियोथोरैसिक और वास्कुलर सर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने वर्तमान स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "आजकल कम उम्र के लोगों में कोरोनरी आर्टरी की बीमारी पाई जा रही है। आम तौर पर पहले 40 साल से कम उम्र के लोगों को दिल की इतनी गंभीर बीमारी होती ही नहीं थी। लेकिन अब हर महीने हमें दो-तीन युवाओं की बाईपास सर्जरी करनी पड़ रही है, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।"
डॉ. अंबुकेश्वर सिंह, एडिशनल डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, लखनऊ ने हार्ट हेल्थ फेयर में मौजूद लोगों को "साइलेंट हार्ट अटैक" के बारे में जागरूक किया, जिसके बारे में आमतौर पर बहुत अधिक जानकारी नहीं होती। उन्होंने कहा, "दिल का दौरा छाती में दर्द या सांस फूलने के लक्षण के बिना भी हो सकता है। यह 20 से 30 प्रतिशत लोगों के साथ हो सकता है, खासकर शुगर के मरीज़ों में।"
इस वर्ल्ड हार्ट डे फेयर ने दिल की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी लोगों को दी। यह कार्यक्रम हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने में सफल रहा।